मुख्य पार्षद विजय यादव |
राकेश सिंह/24 जून 2012
नगर परिषद् के उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव की मधेपुरा टाइम्स पर की गयी टिप्पणी(पढ़ें:लूट की मंशा रही है विजय यादव की,इन्हें इस्तीफा दे देनी चाहिए:रामकृष्ण) पर मुख्य पार्षद विजय यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा इन्हें उपाध्यक्ष बने अभी पन्द्रह दिन भी नहीं हुए हैं और ये मेरे खिलाफ आग उगलना शुरू कर दिए है.ऐसे में शहर का विकास बाधित हो सकता है.ये जैसे उपाध्यक्ष बने वैसे ही मन में सोच लिए कि लूट में छूट नहीं देंगे,उनके बयान से लगता है जैसे मैं पांच साल लूट ही किया हूँ और लूट करने के लिए ही चेयरमैन बना हूँ.मैं लूट नहीं बल्कि शहर का विकास चाहता हूँ.मुख्य पार्षद कहते हैं कि स्लम विकास योजना स्लम उन्मूलन के लिए है जिसमे किसी भी जाति को इसका लाभ दिया जा सकता है.रामकृष्ण यादव पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए विजय कहते हैं कि इनके दिमाग में कोई डाल दिया कि मेरी पत्नी ठीकेदारी करती है.यदि रामकृष्ण यादव को मेरी पत्नी का कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाना बुरा लगता है तो वो भी अपनी पत्नी को कंस्ट्रक्शन कंपनी खुलवा दे.काम करना किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और मैं अपनी पत्नी के मौलिक अधिकार को नहीं छीन सकता.
उलटा आरोप लगाते हुए विजय कहते हैं कि रामकृष्ण यादव जब वर्ष 2002 में वार्ड पार्षद बने थे तो एक शौचालय मामले में ये कर्मचारी से पैसे की लालच में मेरे पास पैरवी करने आते थे.ये लोहिया के चेला हैं जो शौचालय में भी पैसा खोजते हैं.
तुनियाही गाँव का नाम बदलने के मामले पर विजय कहते हैं कि किसी जगह का नाम बदलना वहां के लोगों का मौलिक अधिकार होता है.मेरे लिखने से यदि किसी मोहल्ले का नाम बदल जाए तो मैं आज ही रामकृष्ण यादव के नाम पर एक मोहल्ले का नाम रख दूं,क्योंकि ये उपाध्यक्ष हैं और लोहिया के चेले हैं.वार्ड नं.1 के विकास के बारे में रामकृष्ण यादव के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्य पार्षद कहते हैं कि वर्ष 2002 में ये जब पार्षद थे उस समय वार्ड नं.1 की पार्षद रेखा देवी थी,जिसे ये समधिन कहते थे,तो उनके समय में उस वार्ड का विद्युतीकरण इन्होने क्यों नहीं कराया?
रामकृष्ण यादव के उस बयान पर कि ‘लूट में छूट नहीं देंगे’ पर विजय यादव कहते हैं कि छूट मांग कौन रहा है?यदि ये अधिकार रामकृष्ण यादव को दे दिया जाय तो यही लूट कर बैठ जायेंगे.पांच साल के विकास पर अपनी उपलब्धि गिनाते हुए विजय कहते हैं कि इससे पूर्व निर्मला देवी के अध्यक्ष काल में नगर परिषद् में एक ट्रेलर नहीं था.मेरे चेयरमैन बनने के बाद नगर परिषद् में दो ट्रेलर,दो जेसीबी, दो सेप्टिक लैट्रिन क्लीनर, 57 कूड़ादान, एक सामूहिक चलंत शौचालय है और नगर परिषद् के बिल्डिंग के लिए ढाई करोड़ रूपये आये हैं.
मकान अपने भाई के नाम पर लेने के रामकृष्ण यादव के आरोप पर विजय यादव कहते हैं कि इन्हें इस बात पर शर्म आनी चाहिए और इन्हें नियम जानने चाहिए कि उक्त योजना के तहत मकान का आबंटन कैसे किया जाता है?
आरोप लगाते हुए विजय यादव कहते हैं कि उपाध्यक्ष बने है तो ठीक से रहे. कुछ लोग मीडिया में बने रहने के लिए आधा मूंछ कटा कर दौड़ जाते हैं तो कुछ केला का पत्ता लपेट कर नंगे दौड़ जाते हैं.इसी तरह के एक्शन रामकृष्ण यादव कर रहे हैं ताकि लोग इनकी ओर ध्यान दें.
(नगर परिषद् उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव की मुख्य पार्षद विजय यादव पर की गयी टिप्पणी पर विजय यादव की प्रतिक्रिया लंबी है.प्रतिक्रिया का दूसरा भाग हम जल्द ही अपने पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे,पढते रहें मधेपुरा टाइम्स)
आग नहीं उगले उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव: विजय यादव
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 24, 2012
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