![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgdZru7PqWERTRDU1sU3_hnTjNYhVOJJj2FCBRA2J_5gIT6VW8vx3UFc3cqW890D06bUmpmoFWcpXfhGvZB-8nsc76LwC46Sru6k2e6HfoccciybRR7HeBDbvKNhf31uDK2fT38WVPbk2GK/s1600/DSC00835.JPG)
गत दिनों ( 13 अप्रैल 2012 ) दिल्ली विश्वविधालय के नौर्थ कैम्पस स्थित केन्द्रीय सभागार में मधेपुरा के युवा कवि अरविन्द श्रीवास्तव के कविता संग्रह ‘राजधानी में एक उज़बेक लड़की’ का लोकार्पण ताशकंद (उज़बेकिस्तान) से आयी लेखिका डा. मोहय्या
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijGSDqK8qGenZee4-1bYfUKxXrU88ml2H8Sv4HoGn3-l2mmfOSsdTUHvO9aa42xKk_jC1qcgTCnuSf_ghBZ8VU2dpooUs89ABZMMJ722XpoNlWnp042xb8XJZQGD5_ikU0G9-i-YBgG958/s200/ScannedImage-14.jpg)
अब्दुरहमान के साथ विद्वान आलोचक डा. असगर अली इंजीनियर, मराठी साहित्यकार सतीश कालसेकर तथा बीएचयू के पूर्व आचार्य डा. चैथी राम यादव ने किया। समारोह में डा. खगेन्द्र ठाकुर, डा. अली जावेद व रंगकर्मी नूर जहीर आदि की गरिमामय उपस्थिति ने लोकार्पण समारोह को महत्वपूर्ण बना दिया। यह आयोजन प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में किया गया था। ‘राजधानी में एक उज़बेक लड़की’ समसामयिक विषयों सहित बाज़ारवाद के संकट से जूझ रहे एशिया महादेश के अविकसित राष्ट्रों की अंतर्कथा की बानगी है। ग्लोबल मार्केट में दैहिक शोषण तथा अन्यान्य विषयों पर केन्द्रित इस संग्रह को यश पब्लिकेशन्स दिल्ली ने प्रकाशित किया है।
No comments: