रोजीना मामले में मधेपुरा पुलिस की विकलांगता स्पष्ट
नजर आ रही है.यहाँ महिला हेल्पलाइन एक सशक्त संस्था के रूप में कारगर दिखी.दहेज के
लिए दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया था रोजीना के ससुरालवालों ने, जिसमे
शादी के महज तीन माह बाद ही रोजीना को उसके ससुरालवालों ने जिन्दा जला देने का
प्रयास किया.खगड़िया जिले के परवत्ता गाँव की रोजीना खातून का निकाह करीब तीन माह
पूर्व पुरैनी के चंदा निवासी वसीम आलम से हुई थी.अपनी हैसियत के मुताबिक़ दहेज में
तीन लाख रूपये भी दिए थे लड़के वालों को.पर रोजीना को क्या मालूम था कि ससुराल में
बसते ही ससुराल वाले टीवी और फ्रिज की भी मांग कर बैठेंगे.लड़केवालों ने दवाब बनाया
तो रोजीना के परिवार वालों ने इंतजाम करना शुरू किया.पर दहेज के लोभियों को
इन्तजार मुश्किल लगा. और फिर ११ अप्रैल की वो मनहूस रात..ससुरालवालों ने रोजीना को
पकड़ कर शरीर पर किरासन तेल डाल दिया और आग लगा दी.चीखें सुनकर अगल-बगल के लोगों ने
किसी तरह
आग बुझाई पर तब तक रोजीना मौत के करीब पहुँच चुकी थी.सदर अस्पताल मधेपुरा
में रोजीना का इलाज तो शुरू हुआ पर पुरैनी पुलिस बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद
भी न तो घटना स्थल पर पहुंची और न ही जिंदगी और मौत के बीच झूल रही रोजीना खातून
का बयान लेने कि जरूरत समझी.पुलिस की इससे बड़ी संवेदनहीनता जिले में शायद ही पहले
कभी देखी गयी होगी.
महिला हेल्पलाइन की अधिकारी रोजीना के पास |
घटना के
दस दिनों के बाद भी जब पुरैनी की नकारा पुलिस ने कोई जवाबदेही नहीं समझी तो हार कर
रोजीना के परिवार वाले रोजीना के साथ एसपी के जनता दरबार पहुंची.(पढ़ें:रोजीना के जले
चेहरे को देख भावुक हुए एसपी).एसपी ने मौके पर पहुंची महिला हेल्पलाइन की
परियोजना प्रबंधक पायल प्रकाश को मामला देखने को कहा और मधेपुरा पुलिस को तुरंत
रोजीना का बयान लेकर मुकदमा दर्ज करने को कहा.महिला हेल्पलाइन की उपस्थिति में
मधेपुरा पुलिस ने मामला दर्ज किया.
कायदे से
ये मामला पुरैनी पुलिस का था,पर पूरे मामले को जानकर किसी को भी पुलिस की इस करतूत
से नफरत सी हो जायेगी.
मधेपुरा
में विभिन्न थानों के कई पुलिस अधिकारियों की करतूत हद से ज्यादा शर्मनाक है.ये
बात जानते हुए मधेपुरा टाइम्स के प्रबंध संपादक ने एसपी सौरभ कुमार शाह से योगदान
के बाद पहली ही मुलाक़ात में बताया था कि मधेपुरा में पुलिस के प्रति लोगों में
अविश्वास का भाव है.साथ में जब उन्होंने यह पूछा था कि क्या पुलिस के विरूद्ध यदि
कोई शिकायत मिलती है तो क्या वे उसकी जांच करवाएंगे, तो एसपी ने कहा था निश्चित ही
जांच करवाएंगे.पुरैनी पुलिस की करतूत अब सबके सामने है और मधेपुरा की जनता यह
देखना चाहती है कि नए युवा आरक्षी अधीक्षक पुरैनी पुलिस को किस ढंग से लेती है?
रोजीना मामले में मधेपुरा पुलिस की भूमिका शर्मनाक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 23, 2012
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काफी हृदयविदारक घटना है /ऐसी घटना जिस समाज में होती है ,उस समाज के लोगों को घटना को अंजाम देने वालों के प्रति पूरी शख्ती और सामाजिकता निभाते हुए समाज से न सिर्फ बहिस्कृत कर देना चाहिए वरन सामाजिक रूप से उसे दण्डित भी किया जाना चाहिए / भारत की न्यायिक प्रक्रिया वैसे दोषियों को वह सजा नहीं दे पायेगी जिससे उसे जलने का दर्द महसूस हो /वैसी सजा सिर्फ समाज ही दे सकती है /समाज एक संघ है और "संघेय शक्ति " /रही बात पुलिस की संवेदन हीनता का तो निश्चय ही हमारे पुलिस कप्तान को ऐसे निकम्मे पुलिस अफसर के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए /किसी भी पुलिस कर्मी की ऐसी संवेदन हीनता पुलिस पद को कलंकित करने के लिए काफी होती है /
ReplyDeleteउफ्फ्फ समाज का क्रूर और बेहद बुरा चेहरा दहेज़ ,जाने कितनी रोजीना के चेहरों और जिस्म के साथ खेलता रहेगा ,ऐसे लोगों की सजा सिर्फ सजा इ मौत ही हो सकती है जो इस हद तक हैवान बन जाते हैं !
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