वि० सं०/२८ फरवरी २०१२
१२ साल के मोनू की भी कहानी बड़ी अजीब लगती है.मोनू कल ही आलमनगर स्टेट बैंक के पास एक सायकिल सवार के रूपये लेकर भागता पकड़ा गया था.बड़गांव रतवारा के बबलू साह ने बैंक से दस हजार रूपये निकाले जिसमे से आठ हजार उसने एलआईसी की किस्त के लिए जेब में रखे और दो हजार एक झोले में रखकर सायकिल में टांग पास की ही दूकान में मोबाइल रिचार्ज कराने गया था.सायकिल गिरने की आवाज सुना तो देखा एक छोटा सा लड़का झोला लेकर भाग रहा था.लोगों ने तो दौड़ कर उस लड़के को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया.पर मोनू ने जो कहानी सुनाई उसे सुनकर कई लोगों के चेहरे भावशून्य हो गए.मोनू ने बताया कि उसकी एक छोटी बहन है जिसके दिल में सूराख है.वह उसी के इलाज के लिए पैसे जमा कर रहा है.हाजीपुर से पॉकेटमारी सीख उसने अभी तक पांच हजार रूपये भी जमा किये थे.पर इस बार वह पकड़ा गया.गेडाबाड़ी, कटिहार का रहने वाला मोनू कहता है अब भीख मांगकर वह खा लेगा पर यह काम नहीं करेगा.(मोनू को सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें)
हालांकि कुछ लोग इसे मोनू की चालाकी मानते हैं.अधिवक्ता पिंटू सिंह का मानना है कि नाबालिगों से इस तरह के काम इसलिए कराये जाते हैं ताकि ‘जुवेनाइल जस्टिस’ के तहत इनकी जमानत आसानी से कराई जा सके.वहीं समाजसेवी शौकत अली कहते हैं कि गेडाबाड़ी, कटिहार पॉकेटमारों का अड्डा है.वहां के कई गैंग इस इलाके को अपना निशाना बनाए हुए हैं.ये लड़का भी उन्हीं गैंगों में से किसी गैंग का शातिर खिलाड़ी हो सकता है.
बहन के इलाज के लिए कर रहा पॉकेटमारी ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 28, 2012
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