बिहार सरकार के योजना विकास एवं विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव का गाँव बालाटोल आज भी विकास से कोसों दूर है.मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड का यह गाँव मूलभूत सुविधाएँ पाने की बाट जोह रहा है.हैरत की बात तो ये है कि इस गाँव के विधायक नरेंद्र नारायण यादव बीस साल से भी अधिक से सूबे में मंत्री पद को धारण किये हुए हैं, और उनका ही गाँव उपेक्षित अवस्था में है.

बालाटोल का मध्य विद्यालय भी कभी-कभार ही खुलता है.शिक्षक अक्सर फरार बताये जाते हैं जिन्हें देखने-सुनने वाला कोई नहीं है.इस गाँव में बिजली की स्थिति भी काफी दयनीय रहती है.गाँव में पक्की सड़क नाममात्र को है, सड़कों पर ईंट-सोलिंग का काम है जो कई जगहों पर जर्जर अवस्था में है.एकाध पक्की सड़क की स्थिति भी अच्छी नहीं है.हाई स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ता है.दो किलोमीटर दूर हाई स्कूल जाना बरसात के मौसम में काफी कष्टप्रद हो जाता है.
गाँव के लोग गाँव की दुर्दशा के लिए सीधे तौर पर मंत्री नरेंद्र नारायण यादव को ही जिम्मेवार ठहराते हैं.उनका कहना है कि मंत्री जी भले ही सूबे के योजना विकास और विधि मंत्री हों,पर उनके अपने ही गाँव के लिए उनकी कोई योजना नहीं है और यहाँ के विकास पर भी वे कोई ध्यान नहीं देते हैं,वर्ना आज इस गाँव की हालत ये नहीं होती.
उपेक्षित है मंत्री का गाँव,विकास से कोसों दूर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 04, 2012
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