संवाददाता/३० जनवरी २०१२
वर्ष २००८ की एक घटना को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री अनिल कुमार सिन्हा ने तत्कालीन राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, मधेपुरा के कार्यपालक अभियंता सूर्यकांत के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं.न्यायालय में दाखिल परिवाद पत्र में मधेपुरा के ही एक संवेदक दिनेश कुमार यादव ने आरोप लगाया था कि वित्तीय वर्ष २००६-०७ में एनएच १०६ के ७७-८८ किमी के एक काम का उन्होंने एकरारनामा किया था.इस सड़क के कार्य को छ: माह में १६.०७.२००७ तक पूरा करना था और इसकी प्राक्कलित राशि पांच करोड़ बयालीस हजार सात सौ चौवालीस रूपये थी.कार्यपालक अभियंता ने इस काम में पांच लाख रूपये कमीशन की मांग की.नहीं देने पर जांच के नाम पर कार्यपालक अभियंता संवेदक को प्रताड़ित करते रहे और धमकी देते रहे कि एकरारनामा रद्द करवा दूंगा.और छ: माह के बाद बिना कोई समय विस्तार दिए हुए कार्यपालक अभियंता ने एकरारनामा रद्द करवा दिया, जबकि ऐसे कई मामलों में कार्यपालक ने समय विस्तार किया.पीड़ित जब इसके विरूद्ध उच्च न्यायालय गए तो वहां समय विस्तार कर एकरारनामा रद्द के आदेश को स्थगित करने का आदेश पारित किया.
संवेदक ने न्यायालय में कहा कि एक पुराने संवेदक होने के कारण एकरारनामा रद्द किये जाने से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है.कार्यपालक अभियंता ने अपने पद का दुरूपयोग कर उनकी सामजिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया है.
और मानहानि के इस मुक़दमे में न्यायालय द्वारा एफआईआर के आदेश से कार्यपालक अभियंता की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है.
कार्यपालक अभियंता पर न्यायालय ने दिया एफआईआर का आदेश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 30, 2012
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