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गुहार करती अभ्यर्थी |
संवाददाता/२१ दिसंबर २०११
एक तो पहले से ही संकड़ा मधेपुरा, ऊपर से टीईटी की परीक्षा. करीब दो लाख से अधिक लोगों का शहर में जुटना.अभ्यर्थी तो चालीस हजार के आस-पास ही जुटे,पर हेल्पर की नाजायज और अत्यधिक संख्यां ने शहर का हुलिया ही बदल दिया.चारों तरफ जाम ही जाम.ऐसे में बाहर से आने वाले परीक्षार्थियों का समय से पहुंचना एक चैलेन्ज बनकर रह गया.परीक्षा देकर पास न करना शायद उतना दुःख नहीं देता जितना कि केन्द्र तक पहुँच कर परीक्षा न देना.
ऐसी ही परिस्थिति में जहाँ सैंकडों अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए वहीं हजारों ने गिरते-पड़ते पैदल ही कई किलोमीटर तय किया और परीक्षा में शामिल हुए.जिला मुख्यालय के सीएम साइंस कॉलेज में साढ़े ग्यारह बजे पहुंची अभ्यर्थी लड़की की आरजू-मिन्नत किसी काम न आ सकी.चूंकि उस समय जिलाधिकारी मिन्हाज आलम भी उसी केन्द्र पर उपस्थित थे, अत: केन्द्राधीक्षक इस लड़की को साथ लेकर जिलाधिकारी के पास ही पहुँच गए.पर नियम के अनुसार जिलाधिकारी की भी ना ही सुनने को मिली और लड़की की आँखों में आंसू डबडबा गए.रोटी हुई भारी क़दमों से वह बाहर चली गयी.शहर में लगे जाम ने जहाँ कईयों को रूला दिया,वहीं इस जाम को दूर करने के लिए प्रशासन की व्यवस्था नाकाफी थी.
उफ़ ! देर हो गयी...
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 21, 2011
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