दबोचा गया कार्तिक |
शिक्षा माफियाओं ने टीईटी की परीक्षा में बहुत हद तक कामयाबी हासिल कर ही ली.प्रश्नपत्र के बदले और उलझे पैटर्न ने छोटे शिक्षा माफियाओं को भले ही कामयाबी हासिल न होने दी,पर बड़े माफिया अब इससे हुई आमदनी का हिसाब-किताब करने में लग गए हैं.मधेपुरा टाइम्स (एमटी) ने इस सम्बन्ध में पहले से ही आशंका व्यक्त की थी.(पढ़े: टीईटी की परिक्षा आज और कल:धांधली के आसार).सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के कई कॉलेजों में मूल परीक्षार्थी के बदले दूसरे ने परीक्षा दी है.कहीं-कहीं तो रिस्क उठाते हुए केन्द्राधीक्षक की भी आँखों में धूल झोंकते हुए ये कामयाब हो गए,पर कुछ जगहों पर सबकी मिलीभगत से इनकी बल्ले-बल्ले हो गयी. दरअसल,केन्द्रों पर परीक्षार्थियों की संख्यां अत्यधिक होने और परीक्षा का समय मात्र डेढ़ घंटा होने के कारण इनका फोटो मिलाना काफी कठिन था,जिसका फायदा माफियाओं ने उठाया.
जिला मुख्यालय स्थित सीएम साइंस कॉलेज पर तो दूसरे के बदले परीक्षा देने बैठे एक छात्र को आज दबोच लिया गया.क्रमांक 1584 पर ‘ईंजन’ यानी बदले में बैठे एक दूसरे परीक्षार्थी की जब तैनात मजिस्ट्रेट ने जाँच करनी शुरू की,तो नकली परीक्षार्थी निकल कर भागने लगा.पुलिस ने उसे खदेड़कर पकड़ा तो उसके पास से परीक्षा में नक़ल करने के कई कागजात बरामद हुए.इस नकली परीक्षार्थी ने अपना नाम कार्तिक कुमार बताया.इसकी सूचना जिलाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक को देने के बाद भी कॉलेज पर मौजूद कई कर्मचारी इसे बचाने की जद्दोजहद में लगे रहे जो इस कॉलेज से जुड़े लोगों की संलिप्तता की ओर इशारा करती है.
सूत्रों का मानना है कि पूरे जिले में करीब दी सौ नकली परीक्षार्थियों ने दूसरे के बदले परीक्षा दी है.यदि इनमे से अधिकांश सफल हो जाते हैं तो शिक्षक बनने के वास्तविक हकदार सैंकडों छात्रों के भविष्य पर ग्रहण लग सकता है.ऐसे में जिले में टीईटी की परीक्षा मजाक बनती हुई नजर आ रही है.
एमटी की खबर निकली सच,टीईटी परीक्षा बना मजाक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 21, 2011
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