रूद्र ना० यादव/२२ दिसंबर २०११
आज दिन में जहाँ धूप निकलने से जिले के लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की,वहीं जिले में ठंढ ने अबतक पांच बच्चों सहित नौ लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है.गम्हरिया प्रखंड के भेलवा मुसहरी टोले में पांच दलित बच्चों की मौत ने जिला प्रशासन के इस दावे की धज्जी उड़ा कर रख दी है कि जिले में ठंढ से किसी की मौत नहीं होने दी जायेगी.इससे पूर्व कई दिनों की शीतलहर की चपेट में आकर चौसा में दो तथा उदाकिशुनगंज में दो लोगों की मौत हो चुकी है.
जिला प्रशासन के द्वारा ठंढ की कोई कारगर व्यवस्था न किये जाने से हालात बदतर ही होते जा रहे हैं.अलाव के लिए जलावन की आपूर्ति महज खानापूर्ति है.घंटे-दो-घंटे नाम मात्र जगहों पर अलाव जलवा कर प्रशासन अपनी जिम्मेवारी की इतिश्री मान ले रही है.स्थानीय समाचारपत्र भी प्रशासन के अलाव-व्यवस्था को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है,जो प्रशासन को लापरवाह करने में मदद करती है.शहर में तो खानापूर्ति भी हो रही है,पर गांवों में गरीबों के लिए कुछ करने की आवश्यकता किसी को भी नहीं महसूस होती है.जिले के जन-प्रतिनिधि भी इस ठंढ में खटिया सरका कर रजाई ओढ़कर सो चुके लगते हैं.
ठंढ से जिले में ९ की मौत,अलाव की कारगर व्यवस्था नहीं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 22, 2011
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