कफन उनको ही लाना है

हजारों खाईयां दरिया के बाद एक ठिकाना है।
तुम्हे जाना है तो जाओ मगर वापस भी आना है।

मुझे वो याद करते हैं ये अक्सर मैं समझता हूँ,
उन्हे भी ये असर होगा कभी संग दो पल बिताना है।

जमाने की पुरानी आदतो ने फिर से टोका है,
बहुत रखा हूँ मैं संभाल के वो शीशा दिखाना है।
जहर देकर गये मुझको जो हरपल साथ रहते थे,
बिलखकर वो ही रोयेगेँ कफन उनको ही लाना है।



--शम्भू साधारण (shambhuaundurscore786@gmail.com)
कफन उनको ही लाना है कफन उनको ही लाना है Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 16, 2011 Rating: 5

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