इसे प्रेम सम्बन्ध कतई नहीं कहा जा सकता.ये वासना का ऐसा खेल था जिसमें एक औरत अपने जिस्म पांच लोगों को तो सौंपती ही है,साथ ही पाँचों प्रेमी उधार के नाम पर इससे पैसे भी ठगते हैं. फिर भी ये औरत साजिस का शिकार हो जाती है और फिर हो जाती है उसकी हत्या.नालंदा जिले के इस्लामपुर की इस घटना का जैसे ही खुलासा हुआ लोगों ने त्रिया चरित्र पर थू-थू किया.
पिछले सात सितम्बर को ही इस्लामपुर के मदारगंज के एक मकान में जब विधवा शिक्षिका भारती सिन्हा की संदेहास्पद स्थिति में लाश मिली थी तो लोग दबी जुबान से इसे दुष्कर्म के बाद की हत्या कह रहे थे.वैसे इस हत्या को आत्महत्या का भी रूप देने की भरसक कोशिश की गयी थी.पर पुलिस ने जब मामले की जांच कर खुलासा किया तो जो कहानी सामने आयी, उसे सुनकर प्रेम-वासना की बड़ी-बड़ी कहानियों को भी शर्म आने लगे.
पुलिस के अनुसार इस विधवा शिक्षिका के पांच प्रेमी थे.इनके नाम थे सुनील कुमार, शंकर महतो, हरवंश प्रसाद, मकान मालिक डा० कवीन्द्र तथा भोला प्रसाद.मकान मालिक समेत पाँचों विधवा शिक्षिका के साथ रंगरेलियां तो मनाते ही थे,साथ में ये शिक्षिका से रूपये उधार भी लेते थे.इनमे से किसी एक प्रेमी पर तो काम-वासना का भूत इतना सवार था कि वह सबकुछ जानकार भी शिक्षिका से शादी भी करना चाहता था.
पर ये खेल अधिक दिनों तक चल नहीं पाया.रूपये के लेनदेन का विवाद बढ़ गया और पाँचों को अपनी पोल खुल जाने का भय सताने लगा. बस, यहाँ इन्हें अपनी इज्जत प्यारी लगने लगी. और पाँचों ने मिलकर रची एक साजिस-शिक्षिका की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने की.मकान मालिक के सहयोग ने इस काम को और भी आसान कर दिया और फिर एक रात सबों ने मिलकर शिक्षिका भारती सिन्हा का काम तमाम कर दिया.प्रेम,वासना और हत्या के ये खिलाड़ी पोल खुलते ही फरार हो गए पर एक प्रेमी सुनील कुमार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया.बाक़ी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
विधवा शिक्षिका- पांच प्रेमी- हत्या
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 13, 2011
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