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पोस्टमार्टम के लिए इस तरह लाया गया घनश्याम की लाश |
|वि० सं०|
संस्कृत में कहा गया है-‘पुत्रो कुपुत्रो जायते, माता कुमाता न भवती’.अर्थात पुत्र कुपुत्र हो सकता है पर माता कुमाता नही हो सकती.जिस समय इस श्लोक की रचना की गयी होगी, उस समय हालात जो भी हों, पर आज सबकुछ बदल गया है.कुमाताओं की संख्यां में निरंतर बढोतरी देखी जा सकती है.नाजायज सम्बन्ध माँ की ममता पर भारी पड़ रहे हैं.नाजायज संबंधों में जन्मे बच्चों को नाली या कुत्तों के हवाले करना सामान्य सी बात होती जा रही है.भला हो कि इंसानियत आज भी जिन्दा है, कुछ लोग ऐसे फेके बच्चे को अपना रहे हैं और यहाँ यह बात चरितार्थ हो रही है कि पालने वाला जन्म देने वाले से बड़ा होता है.
पर जब आलमनगर की मंजू देवी ने नाजायज सम्बन्ध को जिन्दा रखने के लिए अपने बेटे तक को ज़िंदा न देखने का भी मन बना लिया तो ऐसी माता को क्या सिर्फ कुमाता कह देने भर से ही काम चल जायेगा या फिर इसे कुछ और शब्द से नवाजा जाय?(पढ़ें:प्रेम-प्रसंग में १२ वर्षीय बच्चे की ली जान).घनश्याम
(१२ वर्ष) की हत्या के कारणों का जब कुछ और खुलासा हुआ तो समाज सकते में आ गया.यहाँ पुरानी
सामजिक मान्यता ध्वस्त हुई और प्रेमिका बनी मंजू ने ‘माँ’ शब्द की पवित्रता को कलंकित कर दिया.इस मामले में हद तो तब हो गयी जब पुत्र की हत्या के बाद भी मंजू ने अपने प्रेमी संजय राय को बचाने का प्रयास किया और उसे खबर दी कि उसका पति मृत बेटे को खोजने का प्रयास कर रहा है.इसी के बाद शादीशुदा संजय राय ने अपनी प्रेमिका के पति मंगल मंडल को फोन पर धमकी दी.
(१२ वर्ष) की हत्या के कारणों का जब कुछ और खुलासा हुआ तो समाज सकते में आ गया.यहाँ पुरानी
सामजिक मान्यता ध्वस्त हुई और प्रेमिका बनी मंजू ने ‘माँ’ शब्द की पवित्रता को कलंकित कर दिया.इस मामले में हद तो तब हो गयी जब पुत्र की हत्या के बाद भी मंजू ने अपने प्रेमी संजय राय को बचाने का प्रयास किया और उसे खबर दी कि उसका पति मृत बेटे को खोजने का प्रयास कर रहा है.इसी के बाद शादीशुदा संजय राय ने अपनी प्रेमिका के पति मंगल मंडल को फोन पर धमकी दी.
मंगल-मंजू-संजू के त्रिकोणात्मक सम्बन्ध में इलाके की गरीबी भी नजर आती है.रोजगार का अभाव और पंचायती राज व्यवस्था में हो रहे लूट के कारण अभी भी इलाके के बहुत से गरीब मजदूरी के लिए पंजाब चले जाते हैं.जनसेवा एक्सप्रेस की भीड़ आपको इस इलाके में ग़रीबों की दशा के बारे में सबकुछ बता देगी.कोशी के इलाके में एक कहावत प्रचलित है-‘पति जनसेवा, पत्नी तनसेवा’.लंबे समय तक पति से दूर गाँव में रह रही महिला का गाँव के ही किसी युवक से नाजायज सम्बन्ध बन जाना कोई नयी बात नहीं है.पर नाजायज सम्बन्ध का इस तरह भयावह हो जाना समाज के लिए अत्यंत चिंताजनक है.और इस तरह की करतूतें तब तक नियंत्रित नही हो सकती जब तक कि ऐसी कुमाताओं उनके प्रेमियों के साथ ही फांसी के फंदे से न लटका दिया जाय.
नाजायज संबंधों में माता बन रही कुमाता
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 04, 2011
Rating:

समाज का ये बदलाव घृणित है.इस पर रोक लगना बहुत जरूरी है.
ReplyDeleteपढ़ कर सन्न रह गया,एक माँ अगर ऐसा करती है,तो बच्चे कैसे सुरक्षित रह सकेंगे.नाजायज सम्बन्ध में ऐसा होना दुखद है.
ReplyDeleteRealy it is a dangerous mode of life.Women can do everithing .Never she was puppet,not in present and will not in future.History is a witness who says--- women have done what they desire.
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