कॉंग्रेस समेत बहुत से लोग मानते हैं कि राहुल गांधी देश के भावी प्रधानमंत्री हैं.उनके दौरे से देश के युवाओं में उर्जा का संचार होता है,ऐसा माना जाता है.लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि देश में बड़ी से बड़ी घटनाएं हो रही हैं, पर किसी बड़े मुद्दे पर राहुल कुछ नहीं बोलते.४ जून की रात को देश के अधिकाँश लोग ‘इमरजेंसी’ जैसी कार्यवाही मानते हैं.सबों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी,पर एक बार फिर राहुल चुप रहे.क्या वे किसी भी तरह के विवादों से खुद को बचाना चाहते है? यदि ऐसी बात है तो क्या वे देश
के प्रति अपनी जिम्मेवारी से भाग नही रहे हैं.या फिर उन्हें बड़े मुद्दे पर बोलना ही नही आता है.क्या उन्हें लगता है कि प्रेस कॉनफेरेन्स में दागे गए सवालों के घेरे में वे फंस जायेंगे?निश्चित रूप से बड़े मुद्दे पर उनका चुप रह जाना भावी प्रधानमंत्री का लक्षण नही हो सकता. केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन ने राहुल गांधी को ‘अमूल बेबी’ कहा था. क्या सचमुच राहुल गांधी हैं-‘अमूल बेबी’, जिनसे देश कोई उम्मीद नही कर सकता?
के प्रति अपनी जिम्मेवारी से भाग नही रहे हैं.या फिर उन्हें बड़े मुद्दे पर बोलना ही नही आता है.क्या उन्हें लगता है कि प्रेस कॉनफेरेन्स में दागे गए सवालों के घेरे में वे फंस जायेंगे?निश्चित रूप से बड़े मुद्दे पर उनका चुप रह जाना भावी प्रधानमंत्री का लक्षण नही हो सकता. केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन ने राहुल गांधी को ‘अमूल बेबी’ कहा था. क्या सचमुच राहुल गांधी हैं-‘अमूल बेबी’, जिनसे देश कोई उम्मीद नही कर सकता?
हम पाठकों की प्रतिक्रिया आमंत्रित करते हैं कि आप क्या सोचते हैं पूरे घटनाक्रम पर राहुल की चुप्पी को?
क्या राहुल सचमुच हैं ‘अमूल बेबी ’ ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 08, 2011
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Baba par is tarah ki karywahi ke baad ab Congerss sahit Rahul bhi bekar sabit ho chuke hain.
ReplyDeleteराहुल गांधी का राजनीतिक भविष्य फ़िलहाल खत्म हो चूका है.हालांकि एक न एक दिन उनका प्रधानमंत्री बनना निश्चित है.
ReplyDeleteRahul khud niyam kanun torne wale neta hain.Personality achhi rahne se neta achha nahi ho sakte.Unke haath me desh ko dena kharte se khaali nahi hain.
ReplyDeleteराजीव गांधी की मृत्यु के साथ ही नेहरू खानदान का अच्छा नेता समाप्त हो गया है.राहुल एक दब्बू नेता हैं.शायद सच में अमूल बेबी.
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