मनीष सिंह/सहरसा/२२ जून २०११
शुक्रवार १७ जून से ही चल रहे अनशन में अब कईयों की हालत बिगड़ रही है.अनशन पर बैठे सहरसा विकास मोर्चा के सतरहों अनशनकारियों की मांग है कि बाढ़ आपदा के तहत मिलने वाले गृह क्षतिपूर्ति की मूल सूची में छूटे नामों को जोड़ा जाय और क्षतिपूर्ति की राशि ५५,००० प्रत्येक पीड़ित को दिलवाई जाय.सहरसा आयुक्त कार्यालय के समक्ष कर रहे अनशनकारी संगठन के अध्यक्ष मोहन मंडल, उपेन्द्र साह, विद्यानंद साह, अमर मंडल, नारायण मंडल,राधेश्याम मंडल, विमला देवी,जयकृष्ण यादव,विदेशी राम तथा सनोज झा की हालत बिगड़ जाने से इनके समर्थन में बैठे पप्पू,
नसीरुद्दीन, विपीन मंडल, चन्दन यादव, सुभाष तथा कार्तिक ने प्रशासन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया है.
नसीरुद्दीन, विपीन मंडल, चन्दन यादव, सुभाष तथा कार्तिक ने प्रशासन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया है.
अनशनकारियों के मांगों के समर्थन में नवनिर्वाचित जिला पार्षद प्रवीन आनंद, भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अध्यक्ष राजीव जोसी, लोजपा नेता ठाकुर पासवान, विधान पार्षद मो० इसराइल राइन, फ्रेंड्स ऑफ आनंद के मनोज पासवान, शंकर सिंह, ए आई एस एफ के शंकर कुमार, संजय यादव, किरण झा समेत अनेक नेताओं ने आयुक्त जे.आर.के.राव से आग्रह किया कि राष्ट्रीय आपदा से प्रभावित पतरघट प्रखंड के जम्हरा समेत अन्य पंचायत में गृह क्षति मुआवजा हेतु जो मूल सूची बनाई गयी थी,उसी आधार पर कुछ और लोग जो छूटे हुए हैं, उनका नाम जोड़कर मुआवजा दिलाया जाय तथा दोषी सी० ओ० तथा एम० ओ० जिन्होंने गलत प्रतिवेदन दिया है, उनके ऊपर कार्यवाही किया जाय.
सत्रह लोगों का एक साथ अनशन पर बैठ जाने से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि क्षतिपूर्ति मुआवजा की सूची बनाने में किस तरह लापरवाही बरती गयी जिससे पीडितों को अनशन पर उतर जाना पड़ा.इससे भी दु:खद बात तो यह है कि यदि प्रशासन द्वारा इनकी मांगों पर नियमानुसार विचार नही किया जा रहा है.तो ऐसे में यदि अनशनकारियों को कुछ हो जाता है तो इसकी जिम्मेवारी प्रशासन को लेनी होगी.
गृह क्षतिपूर्ति मामले पर सहरसा में भी हो रहे अनशन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 22, 2011
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