मधेपुरा रेलवे स्टेशन के रैक पॉइंट पर महीनों से सड़ रहा है हजारों क्विंटल चावल और गेहूं .एफसीआई अधिकारी मधेपुरा चैन की बंशी बजा रहे हैं, यह कह कर कि उनके पास पर्याप्त जगह व गोदाम नहीं है.बता दें कि ये अनाज सरकार द्वारा चलाये जा रहे अन्त्योदय, अन्नपूर्णा एवं बीपीएल के अंतर्गत गरीबों को अनुदानित दर पर देने जाने वाले अनाज हैं.मधेपुरा स्टेशन पर सड़ रहे अनाज के उठाव एवं रेलवे द्वारा लाये जाने में विभाग को हजारों रूपये खर्च करने होते
हैं.लेकिन यहाँ बता दें कि इस खर्च के अतिरिक्त लाखों में एफसीआई द्वारा रेलवे को चक्रवृद्धि भाड़ा देना पर रहा है जो अपने आप में हास्यास्पद और सरकारी कोष को चूना लगाने जैसा है.उल्लेखनीय बात तो यह है कि जब एफसीआई को पर्याप्त जगह व गोदाम नहीं है तो फिर इतनी मात्रा में अनाज मंगाने की जरूरत क्या है.अगर सरकारी योजनाओं को देखते हुए अनाज मंगाना नियमानुसार सही है तो फिर जगह की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है.इससे यह भी स्पष्ट होता है कि एफसीआई अधिकारी गरीब के निवाले को सड़ाने और सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने पर तुले हैं.जानकारी हो कि पिछले अप्रैल माह में एफसीआई द्वारा यह कह कर एसएफसी (स्टेट फ़ूड कॉर्पोरेशन) मधेपुरा को अन्नपूर्णा, अन्त्योदय एवं बीपीएल योजना के अंतर्गत कम अनाज आबंटन किया कि उनके पास अनाज पर्याप्त मात्रा में नही है जबकि विगत दो माह से मधेपुरा रेलवे स्टेशन रैक पॉइंट पर अनाज की हजारों बोरियाँ खुले आसमान के नीचे सड़ रही है.आखिर एफसीआई अधिकारियों द्वारा ये खिलवाड़ गरीब व विभाग के साथ क्यों?
हैं.लेकिन यहाँ बता दें कि इस खर्च के अतिरिक्त लाखों में एफसीआई द्वारा रेलवे को चक्रवृद्धि भाड़ा देना पर रहा है जो अपने आप में हास्यास्पद और सरकारी कोष को चूना लगाने जैसा है.उल्लेखनीय बात तो यह है कि जब एफसीआई को पर्याप्त जगह व गोदाम नहीं है तो फिर इतनी मात्रा में अनाज मंगाने की जरूरत क्या है.अगर सरकारी योजनाओं को देखते हुए अनाज मंगाना नियमानुसार सही है तो फिर जगह की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है.इससे यह भी स्पष्ट होता है कि एफसीआई अधिकारी गरीब के निवाले को सड़ाने और सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने पर तुले हैं.जानकारी हो कि पिछले अप्रैल माह में एफसीआई द्वारा यह कह कर एसएफसी (स्टेट फ़ूड कॉर्पोरेशन) मधेपुरा को अन्नपूर्णा, अन्त्योदय एवं बीपीएल योजना के अंतर्गत कम अनाज आबंटन किया कि उनके पास अनाज पर्याप्त मात्रा में नही है जबकि विगत दो माह से मधेपुरा रेलवे स्टेशन रैक पॉइंट पर अनाज की हजारों बोरियाँ खुले आसमान के नीचे सड़ रही है.आखिर एफसीआई अधिकारियों द्वारा ये खिलवाड़ गरीब व विभाग के साथ क्यों?
सड़ रहा है गरीबों का निवाला,चैन से सोया है एफसीआई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 19, 2011
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