पञ्च प्रत्याशी रविन्द्र यादव |
रूद्र नारायण यादव/०२ मई २०११
पंचायत चुनाव के चार चरण समाप्त हो चुके हैं.पांचवां चरण का चुनाव कल है.एक बात प्रशासन के हिस्से काबिलेतारीफ जा रही है कि सारे चुनाव शान्तिपूर्ण तरीके से हो रहे हैं.आशा है कि दसों चरण के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो जायेंगे,क्योंकि प्रशासन इस बार अभूतपूर्व तैयारी के साथ है.पर एक सवाल अब भी कायम है कि क्या इसके बाद एक स्वच्छ पंचायती सरकार का गठन संभव हो पायेगा? जवाब कठिन हैं,क्योंकि चुनाव में खड़े अधिकाँश प्रत्याशी दागी नजर आ रहे हैं. चुनाव
जीत जायेंगे तो माना जाएगा 'दाग अच्छे हैं'.जिले के सभी पदों के लिए खड़े प्रत्याशीयों पर अगर एक निष्पक्ष
नजर दौडाई जाय तो हम पायेंगे कि अधिकाँश लोग मुकदमेबाज किस्म के हैं.कईयों का शानदार आपराधिक चरित्र रहा है.अब सख्त हुए प्रशासन में अपराध महंगा पड रहा है तो लूटने के लिए पंचायती राज से बेहतर जगह कुछ और नहीं समझते है.आम लोगों का पैसा लूटने की कड़ी तैयारी इस बार भी है,पर इस बार हिस्सा कुछ ज्यादा लोगों में बांटना पड़ेगा,आखिर सब को संतुष्ट करेंगे तब ही तो पकड़ से बाहर रहकर ऐश करेंगे.
जीत जायेंगे तो माना जाएगा 'दाग अच्छे हैं'.जिले के सभी पदों के लिए खड़े प्रत्याशीयों पर अगर एक निष्पक्ष
नजर दौडाई जाय तो हम पायेंगे कि अधिकाँश लोग मुकदमेबाज किस्म के हैं.कईयों का शानदार आपराधिक चरित्र रहा है.अब सख्त हुए प्रशासन में अपराध महंगा पड रहा है तो लूटने के लिए पंचायती राज से बेहतर जगह कुछ और नहीं समझते है.आम लोगों का पैसा लूटने की कड़ी तैयारी इस बार भी है,पर इस बार हिस्सा कुछ ज्यादा लोगों में बांटना पड़ेगा,आखिर सब को संतुष्ट करेंगे तब ही तो पकड़ से बाहर रहकर ऐश करेंगे.
अब इस भौन टेकठी के इस प्रत्याशी रविन्द्र मंडल को ही लीजिए.पञ्च पद के लिए इस चुनाव में भाग्य आजमा रहे थे.पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बीती रात इसे एक देशी पिस्तौल तथा एक देशी मास्केट के साथ धर दबोचा है.बात साफ़ है कि अगर ऐसे प्रत्याशी चुनाव जीतते हैं तो हवा में पिस्तौल लहराते 'फैसला ऑन द स्पॉट' नही करेंगे.वैसे भी ये पञ्च जो भी फैसला सुनायेंगे,मास्केट (हस्तनिर्मित रायफल) के डर से गाँव की निरीह जनता मानेगी ही.
बात साफ़ है,चुनाव जीतने वालों में से भी ज्यादा दबंग लोग ही होंगे और उन्हें आये फंड को लूटता हुआ लोगों को देखना ही पड़ेगा.कौन नहीं जानता है,एक रूपया केन्द्र से चलता है,दलालों में बंटता हुआ ५ पैसे ही वास्तविक जगह पहुँच पाता है.
पर स्वच्छ प्रत्याशी कहाँ से लाओगे?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 02, 2011
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