मुख्यमंत्री दरबार में मिली फटकार:आहत है खिलाड़ी

 रूद्र ना० यादव/२२ अप्रैल २०११
मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित पानी टंकी कैम्पस में रहने वाले अशोक सिंह का परिवार आज दाने-दाने को मुहताज है.कभी नौकरी करने वाले अशोक सिंह आज ठेला चलाकर परिवार का पेट भरने की जुगत में हैं.अशोक सिंह की जिंदगी की गाड़ी पत्नी रानी देवी और बेटी जया भारती के साथ पटरी पर रफ़्तार से दौड़ रही थी.पीएचईडी में मास्टर रोल पर काम करने वाले अशोक सिंह की बेटी जया ने भी पिता के बुने सपनों को साकार करना शुरू किया था.एथलेटिक्स में बिहार स्तर पर गोल्डमेडलिस्ट जया का सपना देश का नाम रौशन करना था.पर वर्ष २००२ इस परिवार के लिए मुसीबत बनकर आई.विभाग ने कुछ कर्मचारियों की छंटनी कर दी तो इसमें अशोक सिंह भी बेरोजगार हो गए.छंटनीग्रस्त कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने सरकार को इन कर्मचारियों पर सहानुभूति विचार कर समायोजन करने को कहा.विभाग ने इनमे से कुछ कर्मचारियों को तो पुन: बहाल कर लिया पर बदकिस्मती से बचे हुए कर्मचारियों में अशोक सिंह भी रह गए.
   दर-दर की ठोकर खा रहे अशोक सिंह ने पुनर्बहाली के लिए एड़ी-चोटी एक कर दी,पर किस्मत हर मोड़ पर दगा देती चली गयी.शायद ही कोई सम्बंधित कार्यालय बचा होगा जहाँ अशोक सिंह ने आवेदन नही दिया होगा.पर अफसरशाही ने इनके आवेदन को फ़ाइल के नीचे ही दबा छोड़ दिया.नौकरी गयी तो आर्थिक स्थिति भी बिगड़ती चली गयी और हार का अशोक ने ठेला चला कर परिवार का गुजारा करना शुरू कर दिया.नौकरी की उम्मीद तो गयी ही,बेटी का भविष्य भी अंधकारमय होता दिखने लगा.
    और अंत में इस डूबते परिवार को बचाने के लिए लोगों ने जो अशोक के परिवार को सलाह दी,उसके परिणाम की उम्मीद शायद किसी को न थी.पत्नी रानी और बेटी जया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में गुहार लगाने का फैसला किया.ये बताती हैं कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जैसे ही माँ-बेटी ने आवेदन देकर अपनी बात रखनी चाही,पर मुख्यमंत्री पूरी बात सुनने को तैयार नही हुए.दोनों ने अनुनय-विनय किया कि एक बार बात तो सुन लीजिए.,पर तब तक मुख्यमंत्री की नाराजगी देखकर वहां मौजूद महिला गार्ड ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.
    रानी देवी और जया भारती के सपने बिखर चुके थे.आख़िरी उम्मीद लेकर सुशासन बाबू के पास आये थे.पर इनके लिए जनता दरबार का सच कुछ और निकला.इस घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में है.एथलेटिक्स चैम्पियन जया घटना को याद कर अक्सर रो पड़ती है.माँ रानी देवी बताती हैं कि इस घटना से मर्माहत जया अब ज्यादा समय बिस्तर पर लेटे शून्य को निहारती रहती है.
           मुख्यमंत्री का जनता दरबार भले ही बहुत सारे लोगों की समस्या सुलझाने में अहम भूमिका निभा रहा हो,पर अशोक सिंह के परिवार के लिए ये एक ऐसा सदमा साबित हुआ जिससे उबरना आर्थिक तंगी की मार जेल रहे इस परिवार के लिए बहुत आसान नही होगा.
मुख्यमंत्री दरबार में मिली फटकार:आहत है खिलाड़ी मुख्यमंत्री दरबार में मिली फटकार:आहत है खिलाड़ी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 22, 2011 Rating: 5

6 comments:

  1. ye bahoot galat hua aisa nahi hona chahiye....

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  2. ye bahoot galat hua aisa nahi hona chahiye....

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  3. are bhai yehi to hai sushasan ka sach or sachha darbar.

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  4. Janta ke darwar me janta ke sath aisa hona Bihar wasiyo ke liye dukh aur chinta ki baat hai.Manniya C.M saheb se mera kahna hai ki aapki achchhai,sunder shasan kala,kushal netritwa,aur Bihar me sushasan kebal par aap na sirf Bihar ke sath India balki pura world aaj aap ki charcha kar raha hai,aise me kisi ke sath bura bartaw karna aapko shobha nahi deta.Ak baat aur isi janta ke chunaw ka parinam hota hai ak mukhyamantry ye nahi bhulna chahiye.

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  5. अभी तक जनता अंधी बनी हैं,अगर जनता अंधी न होती तो अत्याचार न होता अत्याचार न होते तो लाचार,बेबस न होते तो आज यू हमलोगों को चाहें D.M हो चाहें C.M इन सब के पास आज हमें यू गिर्गिराना न परता और हमलोगों अपना हक जरुर मिलता !

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  6. Ye bahut galat hua .es parivar aisa nahi hona chahiye.ye hai sushasan ka such.agar janta 2/3 mat se jita sakati hai to kuch bhi kar sakati hai.

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