रूद्र नारायण यादव/१३अप्रैल २०११
इस कलयुग के रामचंद्र ने कभी खुद भी नही सोचा था कि रामनवमी के दिन ही उसकी हार हो जायेगी.मंगलवार को जिला प्रशासन मधेपुरा ने एक बड़े शिक्षा माफिया रामचंद्र यादव को दबोच कर अहम सफलता प्राप्त की.शिक्षा माफिया रामचंद्र के कृष्णापुरी वार्ड नं० ४ स्थित घर से देश के विभिन्न संस्थानों के फर्जी प्रमाणपत्रों के अलावे कई मुहर आदि भी बरामद किये गए.इससे ऐसा प्रतीत होता है कि ये शख्स कई प्रकार के फर्जी कारोबार में लिप्त था.सबसे दु:खद बात
तो यह रही कि वर्षों से बेरोजगारों को चूना लगा रहे रामचंद्र के बेचे डिग्रियों के आधार पर जिले में कई नियोजित शिक्षक भी हैं जिनकी नौकरी इस महत्वपूर्ण खुलासे के बाद खतरे में पड़ गयी है.
तो यह रही कि वर्षों से बेरोजगारों को चूना लगा रहे रामचंद्र के बेचे डिग्रियों के आधार पर जिले में कई नियोजित शिक्षक भी हैं जिनकी नौकरी इस महत्वपूर्ण खुलासे के बाद खतरे में पड़ गयी है.
मधेपुरा के डीएम मिन्हाज आलम तथा एसडीओ गोपाल मीणा के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार हाल में ही टीपी कॉलेजिएट स्कूल केन्द्र पर मैट्रिक की परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र बाहर भेजने के आरोप में गिरफ्तार एक शिक्षक पोरुष कुमार के कागजात की जांच के दौरान इस शिक्षा माफिया का पता चला.रामचंद्र यादव के घर से मिले सबूतों के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि यह घर बैठे ही बेरोजगारों को डिग्री मुहैया कराता था.वहीं एसपी वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि इस माफिया की गिरफ्तारी से इस तरह के धंधे में लिप्त अन्य कई शिक्षा माफिया का भी खुलासा होने की संभावना है.
फर्जी प्रमाणपत्र का धंधेबाज शिक्षा माफिया धराया
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 13, 2011
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