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| एसपी के पास गुहार लगाते गणेश |
रूद्र नारायण यादव/२२ जनवरी २०११
कहते हैं प्यार अंधा होता है.कभी तो यह ताकत बनता है और कभी तो इसमें ऐसे कदम उठ जाते हैं कि समाज किंकर्तव्यविमूढ़ सोचता रह जाता है कि ये कौन सा प्यार है.अभी हाल में ही मुरलीगंज के मारवारी परिवार की रानी कॉलेज में साथ पढ़ रहे संजीव यादव के साथ भाग कर शादी कर ली.वो संजीव जिसकी शादी पूर्व में ही हो चुकी थी और पहली पत्नी भी गर्भावस्था में है.जाहिर सी बात है संजीव ने दोनों को धोखा दिया.जिले के लोगों के जेहन से ये घटना अभी पूरी तरह उतरी भी नहीं थी कि बिहारीगंज की एक और घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया.
बिहारीगंज बाजार के रहने वाले गणेश ठाकुर ने कभी सपने में भी नही सोचा था कि अठारह साल से साथ निभा रही उसकी जीवन संगिनी अचानक उसके प्यार को ठुकरा कर पड़ोसी किशोर मंडल के साथ न सिर्फ रिश्ता कायम कर लेगी बल्कि गणेश से हुए चार बच्चों को भी अंधे प्यार में छोड़ कर किशोर के साथ भाग जायेगी.आज गणेश अपनी पत्नी रंजन देवी को वापस लाने और विश्वासघाती किशोर को सजा दिलवाने हेतु दर दर की ठोकर खा रहें है.गणेश इस मामले में
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| रंजन देवी:अच्छा सिला दिया तूने. |
जो भी हो,ये बात तय है कि रंजन देवी ने पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते को दागदार किया ही है और इस रिश्ते को दागदार बनाने में किशोर भी कम पापी नही.
कसमें वादे प्यार वफ़ा सब,बातें हैं,बातों का क्या.....
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 22, 2011
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