भगवान न करे आप को,
कमाइए ,कमाकर खाइए ,
नेता को मत निहारिये ,
कुछ फायदा नहीं होगा |
वे पांच बरस पर बस ,
एक बार भीख मांगते है,
फिर ,मौज मस्ती में जीते है ;
सोमरस पीते हैं ,छप्पन भोग पाते हैं ;
सच ,नेता सर्वाहारी जीव हैं
उसकी खुराक असाधारण होती है,
उनके दिल के कई चैम्बर होते है;
कोयला को खाते है चारा को चबाते हैं ;
पेट्रोलियम को पीते है ,अलकतरा को चाट जाते हैं|
तथापि मल मूत्र सामान्य रूप से त्यगते है ;
सुखाड़ में सोते है तो बाढ़ में जागते है |
बेधड़क बोलूंगा आजादी इन्ही के भाग्य से मिली है ,
अंग्रेज सरकार शायद इंडिया से हिली है |
--पी .बिहारी ‘बेधड़क’
नसीहत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 25, 2010
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