मासूम के साथ बलात्कार फिर ह्त्या मामले में पुलिस नकारा साबित

पंकज भारतीय/७ दिसंबर २०१० 
बदनसीबी ऐसी कि  सुनकर रोंगटे खड़े हो जाये.सबसे पहले आठ साल की लवली  से माँ की ममता छिनी.माँ की मौत टीबी से होने  के  बाद नानी ने लवली की परवरिश की सोची और साहेबपुर कमाल से सुपौल ले आयी. स्टेशन परिसर सुपौल में झुग्गी-झोंपड़ी में नानी के साथ लवली रहने लगी.माँ को गुजरे अभी एक महीने भी नही हुए थे कि सुपौल के इस हादसे ने मानवता को तार-तार कर दिया.३ नवंबर धनतेरस का दिन एक भयानक हादसे का गवाह बना.रेलवे स्टेशन के क्षेत्र के पास ही दो-तीन लोगों ने पहले तो इस आठ साल की मासूम लवली के साथ  बलात्कार किया उसके बाद गला दबा कर इसकी  हत्या कर लवली की लाश को  सुपौल रेलवे स्टेशन के बगल में झाडी में फेंक दिया.लोगों ने जब लवली के लाश को झाडी के पास फेंका देखा तो सारा माजरा समझ में आ गया कि इस बच्ची की हत्या से पहले इसके साथ बलात्कार हुआ है.
चूंकि मामला रेलवे स्टेशन एरिया का था इसलिए जीआरपी सहरसा  ने मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ
किया. संदेह के आधार पर दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया परन्तु  एक महीने से भी ज्यादा बीत चुके हैं और अनुसंधान उससे एक कदम भी आगे नही बढ़ पाया है.चूंकि गिरफ्तारी संदेह के आधार पर हुई और इसकी पुष्टि अभी तक नही हो पाई यानी कहा जा सकता है कि मुख्य अपराधी अभी भी गिरफ्त  से बाहर है.
      ये मामला एक नृशंस हत्या तथा निकृष्टतम सामजिक अपराध का है जिसमे बलात्कार भी शामिल है और ऐसे ही कुछ मामलों को  कोर्ट ने 'रेयर ऑफ द रेयरेस्ट' मानकर अपराधी को  फांसी तक की सजा दी है.पर पुलिस के निष्क्रियता से दोषी को सजा मिल पाएगी या नही,कुछ कहना मुश्किल है.
   मधेपुरा टाइम्स इस पूरे घटना क्रम पर अपने सुधि पाठकों की प्रतिक्रिया जानना चाहती है कि ऐसे अपराध के नही रुक पाने के पीछे क्या पुलिस और न्यायतंत्र की कमजोरी भी शामिल है?साथ ही ऐसे कुकृत्य करने वाले अपराधी को क्या सजा मिलनी चाहिए जिससे इस तरह का अपराध रुक सके.
मासूम के साथ बलात्कार फिर ह्त्या मामले में पुलिस नकारा साबित मासूम के साथ बलात्कार फिर ह्त्या मामले में पुलिस नकारा साबित Reviewed by Rakesh Singh on December 07, 2010 Rating: 5

2 comments:

  1. oh God.Hay bhagwan, ye kya ho raha hai.Nischay hi yah ghatna hamare samaj ke muh par ak tamacha hai.police aur prashashan kab tak aise apradhiyo ko pakar sakti hai yah dekhne ka samay nahi hai mai ak bhartiya hone ke nate bharat ki janta se aagrah karta hu ki aise apradhiyo ko khaoj khoj kar kat dalo .Bharat ki dharti aise kayro ke khoon ki pyasi hai.madhepura times ,yah photo kafi wichlit kar raha hai meri aagrah hai ki ise hata len to achha rahega.ham kafi sharminda hain ki ham aise hi samaj me rah rahe hai.I want to die.

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  2. शायद अब हमारा समाज वासना का पुजारी होता जा रहा है ...
    शायद ही ऐसा कोई दिन होता होगा जिस दिन ऐसी ख़बरों स हमारे अख़बार क पन्ने और न्यूज़ चंनेल्स की headlines नहीं रहती होगी....
    सच बताऊ तो जी में आता है की इन बलात्कारियो के हाथ पैर कट कर जिन्दा ही रखना चाहिए....ताकि उन्हें पता तो चले की कोपी महिला या लड़की बलात्कार के बाद किस तरह पल पल मरती है.... फंसी की सजा से तो बस उस अपराधी को एक बार मौत आएगी.....

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