जयश्री: हौसलों की उड़ान ने दिलाई अद्भुत सफलता, न्यायिक सेवा परीक्षा में बाजी मारकर किया जिले का नाम रौशन

मंज़िलें उन्हीं को मिलती हैं,
जिनके सपनों में जान होती है,
सिर्फ  पंखों से कुछ नहीं होता,
हौसलों से उड़ान होती है.
      मधेपुरा जैसे छोटे से शहर में पली-बढ़ी और पढ़ी-लिखी जयश्री के किस्मत की झोली तो पहले से ही सफलताओं से भरी हुई जा रही थी, पर बी.एन. मंडल यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार की सबसे छोटी बेटी की ताज़ी सफलता ने मधेपुरा में दशकों बाद एक रिकॉर्ड कायम कर दिया है.
      28वीं बिहार न्यायिक सेवा में जयश्री कुमारी का चयन अंतिम रूप से हुआ तो पिता पूर्व रजिस्ट्रार सचिंद्र महतो के परिवार की दीवाली पहले से मननी शुरू हो गई. बताया जाता है कि बरसों से मधेपुरा के किसी छात्र-छात्रा का चयन इस कठिन माने जाने वाले परीक्षा में नहीं हुआ था. इस अद्भुत सफलता के साथ ही जयश्री को जिले की पहली महिला न्यायिक पदाधिकारी बनने का भी गौरव भी प्राप्त हो गया है.
      जयश्री की सफलता की कहानी तब से ही शुरू हो जाती है जब वर्ष 1982 में मधेपुरा में जन्मी जयश्री ने मधेपुरा के टीपी कॉलेज से ग्रैजुएशन करने के बाद उच्चतर शिक्षा के लिए दिल्ली का रूख किया.
      ISIL दिल्ली से मानवाधिकार विषय पर डिप्लोमा करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से वर्ष 2008 में एलएलबी और फिर 2011 में एलएलएम की डिग्री हासिल की. इन दिनों जयश्री ने राजनीति में भी एआईएसएफ के लीडर के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई. वर्ष 2011 में ही जयश्री ने नेट, जेआरएफ में भी सफलता हासिल की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय में ही इन्होने असिस्टेंट प्रोफ़ेसर (एड-हॉक) के रूप में अपना योगदान किया. एलएलएम की पढ़ाई करने के दौरान ही जयश्री शादी के बंधन में बंध चुकी थी, पर इंजीनियर पति श्याम देव सिन्हा ने जयश्री को पढ़ाई के लिए हमेशा प्रेरित किया और वर्ष 2012 में इनकी नियुक्ति भारतीय स्टेट बैंक में असिस्टेंट मैनेजर (लॉ) के रूप में हुई. पारिवारिक बंधन में बंधने और वर्ष 2012 में एक बेटी के जन्म के बाद जयश्री को एक बार लगा कि कहीं और ऊँचाई पर चढ़ने का सपना धरा न रह जाय. पर कहते हैं मन में यदि लगन हो और अपनों का सहयोग हो तो रास्ते निकल ही जाते हैं. उसके बाद वर्ष 2013 में प्रोबेशनरी ऑफिसर की परीक्षा में चयन और फिर 2014 में आज मिली इस बड़ी सफलता ने जयश्री के जज बनने की राहें आसान कर दी है.
      चार बहनों में सबसे छोटी जयश्री अपनी सफलता का श्रेय अपने पति और पिता समेत पूरे परिवार को देती है और कहती है कि इनके सहयोग के बिना कुछ भी संभव नहीं था. जयश्री की इस बड़ी सफलता पर जयश्री की माँ अहिल्या देवी, अवकाशप्राप्त पिता पूर्व रजिस्ट्रार सचिंद्र महतो, भाई तुरबसु (ईटीवी पत्रकार) समेत सभी बहनें फूले नहीं समा रहे हैं. जाहिर है मधेपुरा की बेटी की अदभुत सफलता ने आज परिवार और समाज को गौरवान्वित जो किया है.
(ब्यूरो रिपोर्ट)
जयश्री: हौसलों की उड़ान ने दिलाई अद्भुत सफलता, न्यायिक सेवा परीक्षा में बाजी मारकर किया जिले का नाम रौशन जयश्री: हौसलों की उड़ान ने दिलाई अद्भुत सफलता, न्यायिक सेवा परीक्षा में बाजी मारकर किया जिले का नाम रौशन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 19, 2014 Rating: 5

2 comments:

  1. Many Many Congratulations Sweety (Jayshree)didi! And thanks MADHEPURA TIMES for giving this good news to me in ITALY. i am very happy for you all.

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