“चाहे नक्सल ही क्यों न मारे, ऐसे पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को मरना चाहिए”

"एक जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों से भाग नहीं सकता. भागने वाले निकम्मे होते हैं. जो जनता की सेवा नहीं करना चाहते हों, अपने दायित्व, चाहे वह सामाजिक और सांवैधानिक दायित्व हो, से भागता हो, जो जनता की सेवा नहीं करना चाहता हो, जिसका मकसद सिर्फ लूटना हो, जिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का मकसद जनता के पैसे से सिर्फ उनकी निजी जिंदगी में ऐशोआराम करना हो, ऐसे पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की इस देश से छुट्टी होनी चाहिए.
      प्रेस वार्ता में मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव ऐसे लोगों पर रंज होकर कहा कि ऐसे पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि देश पर बोझ हैं. ऐसे लोगों को मरना चाहिए. चाहे उन्हें नक्सल मारे, आतंकवादी मारे, उग्रवादी मारे या फिर उनकी प्राकृतिक मौत हो. श्री यादव ने सीधा कहा कि इस देश में ईमानदार नक्सल की जरूरत है, जो जनता के लिए जीये और जो जनता की खुशी छीनता हो, उनके खिलाफ जंग का एलान करे.
      उन्होंने कहा कि जिन पदाधिकारियों को मधेपुरा, सहरसा और सुपौल में रहना है उन्हें आम आदमी को सम्मान देना ही होगा. सांसद पप्पू यादव ने बेईमानी-शैतानी करने वाले अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस जिले से अपना ट्रांसफर करा लें.
      देखा जाय तो भ्रष्टाचार के मामले में मधेपुरा समेत सूबे में हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में किसी का भी कोई प्रयास बेकार जा रहा है. जाहिर सी बात है, संवेदनशील जनप्रतिनिधि या अधिकारी को जनता के हालात को देखकर निराशा होना स्वाभाविक है.
   सुनें इस वीडियो में सांसद पप्पू यादव को, यहाँ क्लिक करें.
“चाहे नक्सल ही क्यों न मारे, ऐसे पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को मरना चाहिए” “चाहे नक्सल ही क्यों न मारे, ऐसे पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को मरना चाहिए” Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 11, 2014 Rating: 5

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