मिथिलांचल फिल्म उद्योग तथा मैथिलि फिल्म
के बीते 50 साल के इतिहास में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन मिथिलांचल की राजधानी दरभंगा में किया जा रहा है |
मैथिलि फिल्म तथा
मिथिलांचल की धरती पर बनी फ़िल्में मिथिला की संस्कृति के संरक्षण व संबर्धन का माध्यम रही है, इसकी वजह से सार्थक फिल्मों में इसकी महक ने सिनेमा दर्शकों तथा समाज को अपनी ओर खींचा है | मिथिला छेत्र में रहने वाले
सभी समुदाय वर्ग के लोग मैथिल हैं, महसूस करना होगा, दरअसल तभी मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य
फिल्मों के निर्माण और प्रदर्शनी को गति मिलेगी |
मैथिलि सिनेमा को सरोकारी व्यावसायिक बनाने के लिए सरकारी स्तर से कोई पहल नहीं की गयी है और न ही सरकार ने मैथिलि फिल्म को सब्सिडी देना मुनासिब समझा, नतीजन मैथिलि सिनेमा पिछर गया | ज़रूरी है क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा दिया जाये, इसी लिहाज़ दरभंगा में हो रहा यह अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव इस सपने को साकार कर रहा है | दरभंगा फिल्म क्लब द्वारा मैथिलि सिनेमा तथा मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए हो रहा यह प्रयास दुनिया भर में मिथिलांचल की क्षेत्रीय सिनेमा और पुरे विश्व में फैले क्षेत्रीय सिनेमा के बीच एक सेतु का काम करेगा | दुसरे शब्दों में कहें तो दरभंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव द्वारा मिथिलांचल फिल्म उद्योग को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग से जोड़ने की कोशिश है, दरअसल तभी पूर्ण रूप से मिथिलांचल फिल्म उद्योग तथा मैथिलि सिनेमा का विकास होगा |
सिनेमा के शुरूआती दौर में गूंगी फिल्मों से लेकर सीडी तक के सफ़र में अब सिनेमा बनाने के लिए भागीरथ प्रयास की ज़रुरत नहीं क्यूंकि आज के दौर में तकनीक इतनी सस्ती हो गयी है की आम आदमी भी फिल्मों का निर्माण कर सकता है बस उसे दरकार है उचित मार्गदर्शन और
थोरी सी ट्रेनिंग की, इसी कोशिश में दरभंगा फिल्म क्लब मिथिलांचल के सभी कलाकारों को आमंत्रण भी देता है
की दरभंगा फिल्म क्लब का निः शुल्क कलाकार सदस्यता हासिल कर फिल्म निर्माण तथा फिल्म संम्बंधित कलाओं की ट्रेनिंग प्राप्त करें |
दरभंगा फिल्म क्लब क्षेत्रीय मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए जी जान से जुटा है | इसी विमर्श को लेकर दरभंगा फिल्म क्लब फिल्म निर्माण, निर्देशन, अभिनय, पटकथा, लेखन, आदि में महारत रखने वाले लोगों के साथ सफ़र की शुरुआत कर रहा है, साथ ही पुरानी व नयी बिखरी पड़ी मैथिलि फ़िल्में, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों और विश्व भर की चुनिन्दा फिल्मों के प्रदर्शन के अलावा बेस्ट अभिनेता, अभिनेत्री, लेखक, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, आदि का चयन कर उन्हें पुरुस्कृत भी करेगा | दरभंगा फिल्म क्लब मिथिलांचल से जुड़े हर शख्स को अपना सहयोगी बनाने और सफ़र में जुड़ने के लिए आमंत्रण भी कर रहा है, साथ ही 50 साल की बिखरी पड़ी मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों का दस्तावेज़ भी तय्यार कर रही है | फिल्म इतिहास को समेटती सारी जानकारी डायरेक्ट्री के साथ आम सिने प्रेमियों के लिए उपलब्ध होगा |
ज़ाहिर है दरभंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव के इस कारवां में दुनिया भर की अलग अलग भाषाओं की फ़िल्में शामिल होंगी | मिथिलांचल के लोगों को इन फिल्मों से परिचित होने का मौका मिलेगा, साथ ही निर्देशकों से सीधे संवाद भी कर सकेंगे | अनेक कला माध्यमों को समेटे यह आयोजन मिथिलांचल के इतिहास में एक नए तरह का आयोजन है, फेस्टिवल में समाज और हाशिये पर परे लोगों की व्यथा - कथा, जीवन संघर्षों सहित कई सामाजिक मुद्दों पर केन्द्रित फिल्मों का चयन कर फीचर, डोक्युमेंट्री, लघु तथा एनीमेशन फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा |
मैथिलि सिनेमा को सरोकारी व्यावसायिक बनाने के लिए सरकारी स्तर से कोई पहल नहीं की गयी है और न ही सरकार ने मैथिलि फिल्म को सब्सिडी देना मुनासिब समझा, नतीजन मैथिलि सिनेमा पिछर गया | ज़रूरी है क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा दिया जाये, इसी लिहाज़ दरभंगा में हो रहा यह अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव इस सपने को साकार कर रहा है | दरभंगा फिल्म क्लब द्वारा मैथिलि सिनेमा तथा मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए हो रहा यह प्रयास दुनिया भर में मिथिलांचल की क्षेत्रीय सिनेमा और पुरे विश्व में फैले क्षेत्रीय सिनेमा के बीच एक सेतु का काम करेगा | दुसरे शब्दों में कहें तो दरभंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव द्वारा मिथिलांचल फिल्म उद्योग को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग से जोड़ने की कोशिश है, दरअसल तभी पूर्ण रूप से मिथिलांचल फिल्म उद्योग तथा मैथिलि सिनेमा का विकास होगा |
सिनेमा के शुरूआती दौर में गूंगी फिल्मों से लेकर सीडी तक के सफ़र में अब सिनेमा बनाने के लिए भागीरथ प्रयास की ज़रुरत नहीं क्यूंकि आज के दौर में तकनीक इतनी सस्ती हो गयी है की आम आदमी भी फिल्मों का निर्माण कर सकता है बस उसे दरकार है उचित मार्गदर्शन और
थोरी सी ट्रेनिंग की, इसी कोशिश में दरभंगा फिल्म क्लब मिथिलांचल के सभी कलाकारों को आमंत्रण भी देता है
की दरभंगा फिल्म क्लब का निः शुल्क कलाकार सदस्यता हासिल कर फिल्म निर्माण तथा फिल्म संम्बंधित कलाओं की ट्रेनिंग प्राप्त करें |दरभंगा फिल्म क्लब क्षेत्रीय मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए जी जान से जुटा है | इसी विमर्श को लेकर दरभंगा फिल्म क्लब फिल्म निर्माण, निर्देशन, अभिनय, पटकथा, लेखन, आदि में महारत रखने वाले लोगों के साथ सफ़र की शुरुआत कर रहा है, साथ ही पुरानी व नयी बिखरी पड़ी मैथिलि फ़िल्में, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों और विश्व भर की चुनिन्दा फिल्मों के प्रदर्शन के अलावा बेस्ट अभिनेता, अभिनेत्री, लेखक, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, आदि का चयन कर उन्हें पुरुस्कृत भी करेगा | दरभंगा फिल्म क्लब मिथिलांचल से जुड़े हर शख्स को अपना सहयोगी बनाने और सफ़र में जुड़ने के लिए आमंत्रण भी कर रहा है, साथ ही 50 साल की बिखरी पड़ी मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों का दस्तावेज़ भी तय्यार कर रही है | फिल्म इतिहास को समेटती सारी जानकारी डायरेक्ट्री के साथ आम सिने प्रेमियों के लिए उपलब्ध होगा |
ज़ाहिर है दरभंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव के इस कारवां में दुनिया भर की अलग अलग भाषाओं की फ़िल्में शामिल होंगी | मिथिलांचल के लोगों को इन फिल्मों से परिचित होने का मौका मिलेगा, साथ ही निर्देशकों से सीधे संवाद भी कर सकेंगे | अनेक कला माध्यमों को समेटे यह आयोजन मिथिलांचल के इतिहास में एक नए तरह का आयोजन है, फेस्टिवल में समाज और हाशिये पर परे लोगों की व्यथा - कथा, जीवन संघर्षों सहित कई सामाजिक मुद्दों पर केन्द्रित फिल्मों का चयन कर फीचर, डोक्युमेंट्री, लघु तथा एनीमेशन फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा |
(दरभंगा फिल्म क्लब की रिपोर्ट)
मैथिली फिल्म को गति देगा दरभंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 01, 2012
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Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 01, 2012
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Nice to read news about Film festival .Maithili has successfully established itself as language where as other Bihar languages have remained as dialects. Now there is need for good films in Maithili language.
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