वि० वि० का परीक्षा भवन चढ़ा घटिया निर्माण की भेंट

रूद्र ना० यादव/०३ फरवरी २०१२
अनियमितता और घोटाले का मंडल विश्वविद्यालय से चोली-दामन का साथ रहा है.विश्वविद्यालय के नए कैम्पस में १.५ करोड़ की लागत बन रहे परीक्षा भवन भी घटिया निर्माण की भेंट चढ़ गया है.भवन के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग कर राशि में हेरा-फेरी का आरोप इस परीक्षा भवन पर लग रहे हैं.भवन में लकड़ी तक लोकल किस्म के लगा दिए हैं.पर बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा० गणेश प्रसाद लगाए गए आरोप से पूरी तरह सहमत नहीं हैं.पर वे इस बात से सहमत हैं कि लकड़ी इस भवन में घटिया लगा दिए हैं.बात साफ़ है जो ठेकेदार लकड़ी में गडबडी कर पैसे बचा सकता है उसने भवन के निर्माण में ईमानदारी बरती होगी ऐसा संभव नहीं दीख पड़ता है.पर लोगों का ये भी कहना है कि ये पूरा बजट डेढ़ करोड़ का है और इसमें विश्वविद्यालय के अधिकारियों की भी मिलीभगत है इसलिए ठेकेदार को बचाने का प्रयास तो वे करेंगे ही ताकि इस घटिया निर्माण से सम्बंधित कोई जांच न बैठाई जाय और सारा मामला लोगों के सामने खुल कर न रह जाय.
वि० वि० का परीक्षा भवन चढ़ा घटिया निर्माण की भेंट वि० वि० का परीक्षा भवन चढ़ा घटिया निर्माण की भेंट Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 03, 2012 Rating: 5

2 comments:

  1. es pure mamle par DM saheb ko dhyan dena chahiye. or dosi par kari karwai ki jani chahiye.

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  2. प्रशासन के सामने हो रहे इस तरह की अनियमितता पर प्रशासन के द्वारा कोई अंकुश नहीं लगाया जाना किसी न किसी रूप में प्रशासन की संलिप्तता ही दर्शाती है / अगर प्रशासन इस बात से सहमत नहीं है तो वे अपने आप से एक सवाल करे कि प्रशासन के सामने ऐसे कमजोर और रद्दी भवन कैसे बन कर तैयार हो जाते है ?इस तरह के भवन में कार्य करने वाले व्यक्ति कहाँ तक सुरक्षित हैं इस बात का प्रशासन के पास कोई जबाब है क्या ?यह भी देखा जा रहा है कि डी.एम. साहेब से सम्बंधित भवन कुछ अच्छे मटेरिअल से बनाये जाते हैं बाकि सारे के सारे भवनों में घटिया किस्म के मटेरिअल इस्तेमाल किये जाते हैं /इस बात कि जानकारी अभियंताओं को अगर नहीं है तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कितना अधिकार है वे खुद समझ सकते हैं /किसी भवन की दीवारों में काँटी लगाना सबसे आसान है बाकीप्रशासन जैसा समझे .....

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