और जब कोसी मैया ने किया बाबा भोले का जलाभिषेक

गर्भगृह में भरा जल
राकेश झा|२२ अगस्त २०११
अद्भुत क्षण में पूजा करते भक्त
पिछले शनिवार को हुए इस अद्भुत घटना को देखने लोगों की भारी सिघेश्वर मंदिर में जमा हो गयी.पूरे इलाके में यह चर्चा का विषय हो गया कि कोसी मैया बाबा के आगोश में आ गयी है और सिंघेश्वर मंदिर के शिवलिंग का जलाभिषेक करने आ पहुंची है.दरअसल सिंघेश्वर के बगल में बहने वाली नदी के उफनाने से मंदिर के गर्भगृह से जल निकलने वाले नाले से गर्भगृह में पानी भर गया और देखते ही देखते शिवलिंग डूब गया.सिंघेश्वर मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों ने पहले नाले को बंद किया और फिर पम्प सेट के सहारे पानी को गर्भगृह से निकाला.भक्त इसे एक असामान्य और अद्भुत घटना कह रहे हैं.उनका कहना था कि कोसी गंगा का ही एक रूप है जिसे भगवान शिव ने अपनी जटा में बाँध रखा है.शिव का निवास स्थान हिमालय के कैलाश पर्वत पर है,जहाँ से ही गंगा निकलती है.शिवलिंग पर गंगा जल चढा कर उसे शीतल रखने की परंपरा है.कुछ भक्तों का ये भी कहना था कि हो सकता है कोसी अपने किसी गलती की माफी मांगने बाबा के पास आयी होगी.पंडित व न्यास सदस्य मणिकांत ठाकुर ने बताया कि यह ३६ वर्षों के बाद हुआ है कि कोसी ने भगवान शंकर का चरणस्पर्श किया है,अब कोसी फिर वापस लौट जायेगी.जो भी हो,इस घटना की चर्चा इलाके में जारी है. 
और जब कोसी मैया ने किया बाबा भोले का जलाभिषेक और जब कोसी मैया ने किया बाबा भोले का जलाभिषेक Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 22, 2011 Rating: 5

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