क्या सुजीत ही मिथुन का हत्यारा है?

राकेश सिंह/१४ अप्रैल २०११
रामनवमी की रात हुई मिथुन की हत्या की गुत्थी पूरी तरह से सुलझती नजर नही आ रही है.हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड के कुछ महत्वपूर्ण सुराग ढूंढ निकालने में सफलता पा ली है पर हत्या के कारणों पर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है.मिथुन की लाश का पोस्टमार्टम हो चुका है.प्रतीत होता है कि हत्यारे कम से कम चार पांच की संख्यां में थे.इसकी वजह ये दीखती है कि शरीर पर अलग-अलग तरह के चोट के निशान थे.लगता था कि रॉड,बेल्ट,डंडा आदि का इस्तेमाल हत्या के लिए किया गया था.माथे पर जख्म के कई निशान  इतने गहरे लग रहे थे कि ये स्पष्ट था कि हत्यारों का उद्येश्य मार-पीट नहीं,बल्कि हत्या ही था.
      मधेपुरा पुलिस की भूमिका इस हत्याकांड में अबतक संतोषप्रद है.घटनास्थल पर घटना के कुछ ही देर बाद  पहुँच जाना,घायल मिथुन को बचाने का प्रयास करना और हत्या के अगले दिन उग्र भीड़ को नियंत्रित कर लेना पुलिस की आंशिक सफलता मानी जा सकती है.भीड़ को शांत कराने में हत्यारों को जल्द गिरफ्तार करने के आश्वासन के अलावे मृतक के परिवार को दस हजार रूपये का चेक और कबीर अंत्येष्ठि योजना के तहत १५०० रूपये की सहायता भी दी
गयी.एक बड़ी सफलता पुलिस को इसमें भी मिली कि उसने घायल मिथुन से हत्यारे का नाम पूछ लिया है,जिसकी पुष्टि सदर एसडीपीओ विजय कुमार द्वारा हो चुकी है.हत्यारे का नाम मिथुन ने मरने से पहले सुजीत बतलाया है.

   मृतक के पिता जो मधेपुरा ऑटो रिक्शा संघ के अध्यक्ष भी हैं,ने भी कुछ सुराग पुलिस को दिया है.इनके अनुसार दो-तीन दिन पहले कुछ अपरिचित युवक उनसे भाड़ा पर ऑटो लेने आये थे जिन्हें पहचान पत्र प्रस्तुत करने कहा गया तो वे लाने का बहाना कर चले गए.हत्या की रात में भी एक अपरिचित युवक मोटरसायकिल से मिथुन को कहीं लेकर गया और फिर मिथुन के साथ ये हादसा हुआ.
    मधेपुरा पुलिस के सामने बड़ी जिम्मेवारी मिले सूत्र के आधार पर हत्यारों को गिरफ्तार करना है.शायद तब ही हत्या के कारणों का भी स्पष्ट पता चलेगा.अब देखना यह है कि पुलिस इस हत्या की गुत्थी सुलझाने में कितना समय लगाती है ताकि लोगों का विश्वास मधेपुरा पुलिस पर कायम रह सके. 
क्या सुजीत ही मिथुन का हत्यारा है? क्या सुजीत ही मिथुन का हत्यारा है? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 14, 2011 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.