सिंघेश्वर थाना में नारियल विकास बोर्ड के पीछे का एक गाँव है भेलवा मुसहरी. इस गाँव में रहने वाला भीम मोदी वर्षों से मंदिर परिसर में फूल बेच कर जीवन यापन करता रहा है.
सात साल पहले जब भीम की पत्नी ने एक सुन्दर से बच्चे को जन्म दिया तो माता-पिता ने प्यार से नाम रखा-राजा.पर उस वक्त भीम और उसकी पत्नी को पता नहीं था कि भगवान के लिए फूल बेचने
सात साल पहले जब भीम की पत्नी ने एक सुन्दर से बच्चे को जन्म दिया तो माता-पिता ने प्यार से नाम रखा-राजा.पर उस वक्त भीम और उसकी पत्नी को पता नहीं था कि भगवान के लिए फूल बेचने
वाले भोला को तब शायद पता नही था कि भगवान उसे भक्ति की सजा इस रूप में देगा.राजा थोड़ा बड़ा हुआ तो सबने देखा कि उसकी आँखों का डिम्ब तेजी से चारों ओर घूमने लगा है.माँ-बाप का डरना स्वाभाविक था.राजा के इलाज में भीम मोदी ने एड़ी-चोटी एक कर दी.पर मधेपुरा से पूर्णियां तक नतीजा कुछ नही निकला.डॉक्टरों की समझ से ये बाहर दिखा कि ऐसा क्यों हो रहा है.राजा की उम्र बढ़ती गयी तो डिम्ब का घूमना कम होता गया.पर ये क्या,राजा की आँखों की रौशनी भी साथ साथ जाने लगी.राजा के साथ माँ-बाप की आँखों के सामने भी अँधेरा छाने लगा.उपरवाले ने हैसियत भी ऐसी दी कि पेट पर तो आफत सी रहती है,इलाज के लिए बड़े शहर जाना कैसे मुमकिन होगा? हिम्मत हारकर बेटे के अंधे ही होने का इन्तजार कर रहे हैं वो.
राजा की जिंदगी का अगर दूसरा पक्ष देखा जाय तो लोग सोचने पर बाध्य हो जाएँ.सात साल का राजा काफी समझदार है.पढ़ने में तो सामान्य है ही,बातें काफी मधुरता से करता है.बड़ों की खूब इज्जत करता है.मधेपुरा टाइम्स को राजा ने तुतलाते हुए बताया कि उसका नाम ‘लाजा’ है,तीसरी कक्षा में पढता है और ईंटा वाले स्कूल जाता है.राजा कहता कि पढ़ लिख कर राजा बड़ा आदमी बनेगा.पर शायद ये कहते वक्त राजा को ये नहीं मालूम था कि जिस तरह उसकी आँखों की रौशनी घटती जा रही है,वह कुछ ही सालों में अंधा हो जाएगा.और फिर उसके साथ-साथ उसके परिवार के भी सपने बिखर जायेंगे.
राजा ठीक भी हो सकता है यदि कोई बड़ा डॉक्टर उसकी बीमारी को पहचान ले और इलाज कर सके.मधेपुरा टाइम्स अपने संवेदनशील पाठकों से अपील करती है कि राजा की आँखों के सामने अँधेरा छाने से पहले अपनी मदद का हाथ इस मासूम तक पहुंचाएं.रौशन हो सकती है राजा की जिंदगी यदि हम और आप मिलकर इसकी मदद करे.यदि आप मधेपुरा में हैं तो सीधे जा सकते है राजा के घर.बाहर रहने वाले पाठक राजा को मदद करने के लिए ई-मेल से सूचित करें. हमारा ई-मेल का पता है-madhepuratimes@gmail.com
रूद्र नारायण यादव/१४ अप्रैल २०११
रूद्र नारायण यादव/१४ अप्रैल २०११
अजीबोगरीब बीमारी से ग्रस्त है एक मासूम:हो सकती है बेहतर जिंदगी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 14, 2011
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As you know I had struggled for 31 persons blinded at Government Eye Camp at kasba, purnea, but nothing happened in this 'Sushasan' and infact the Central Government fact fighting team reported relevant files to be missing from Bihar Secretariat.
ReplyDeleteMeanwhile, I am posting two addresses on your site - one of Blindness Control programme Director at Union Health Ministry and another of Dr Anjani Kumar, Incharge of the programme at Bihar. I have sent you his facebook profile also. He is from Madhepura and son of Late Dr Gajadhar Prasad Srivastava. He can be of help to this person suffering from Eye ailment. Let us hope for best. May god bless.
Dr. (Mrs.) R. Jose
Addl. Director General (RJ)
Room No. : 342-A
Directorate General of Health Services
Ministry of Health and Family Welfare
Government of India
Nirman Bhawan
New Delhi-1100 11
Tele: 011-23061594
Fax: 011-2306270
Email: addldghs-mohfw@nic.in
Dr. Anjani Kumar
SPO(NPCB) & Health
Services,
New Secretariate, Vikas
Bhawan,
Patna, BIHAR
DR. D.K Raman
Additional Director
- 0612
2231992 (O)
(Ex-42)
0612-
3244037
2291499 - 0612
0612-2291760
0612-2291499
09431486776 (M)
info@shsbihar.org
09431015246 (M)
I have seen a similar patient receiving treatment at AIIMS - Dr B R Ambedkar Cancer Research Institute, and he became alright also.
ReplyDeleteYou can advice the patient to take treatment at AIIMS, where a patient has to be referred because it is a referral hospital. There are some facilities for poor patients also at AIIMS, New Delhi.