क्या मधेपुरा दुर्घटनाओं का शहर बन गया है?

रूद्र नारायण यादव/२५ नवंबर २०१० 
मधेपुरा शहरी क्षेत्र में दुर्घटनाएं घटने का नाम नही ले रही हैं.इधर सप्ताह में एक न एक दुर्घटना हो ही रही है जिसमे किसी-न-किसी की जान चली ही जाती है.गत १३ नवंबर की हृदयविदारक दुर्घटना जो स्थानीय जयपालपट्टी चौक पर घटी थी और जिसमे एक व्यक्ति के सर के चीथड़े उड़ गए थे को लोग अभी भूले भी नही थे कि आज सुबह फिर एक दुर्घटना ने लोगों को विचलित कर दिया.आज की इस दुर्घटना में गढिया
के शब्जी विक्रेता फूल कुमार का भी सर ही क्षतिग्रस्त हो गया.कहा जाता है कि फूल कुमार मधेपुरा से सुबह शब्जियाँ लेकर गाँव की और जा रहे थे कि एसएसबी की एक बस से इनकी सायकिल टकरा गयी और घटनास्थल पर ही सर फटने से फूल कुमार की मौत हो गयी.घटना स्थल के आसपास के लोगों का कहना था कि बस के हॉर्न से शब्जियों से लदी सायकिल का संतुलन बिगड गया और सायकिल बस से ही टकरा गयी.मधेपुरा में दुर्घटनाओं के पीछे सबसे बड़ी वजह सवारियों की संख्यां में अत्यधिक बढोतरी को माना जा रहा है.कुछ लोगों का ये भी मानना है कि  हाल के दिनों में सड़कें चिकनी हो जाने की वजह से भी लोग सवारी तेज चला रहे है और आपातकालीन स्थिति में तेज सवारी को संतुलित करना कठिन होता ही है.जो भी हो,आये दिन इस तरह की दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाना चिंता का विषय तो है ही.
क्या मधेपुरा दुर्घटनाओं का शहर बन गया है? क्या मधेपुरा दुर्घटनाओं का शहर बन गया है? Reviewed by Rakesh Singh on November 25, 2010 Rating: 5

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