मौके पर एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि आज जहां सरकार और सरकार के अधिकारी बड़े -बड़े विकास कार्य करने के दावे कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि मधेपुरा प्रखंड समेत पूरे जिले में हजारों की संख्या में भूमिहीन परिवार नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि सड़क किनारे, नालों और नहरों पर झुग्गी - झोपड़ी बनाकर तिरपाल टांग कर रहने को मजबूर है । भूमिहीन आबादी सरकारी योजनाओं से भी वंचित हो रहे है। सरकार समय - समय पर भूमिहीनों के लिए बासगीत पर्चा और आवास देने की घोषणा करते है लेकिन वो केवल कागज तक ही सीमित रह जाता है । भूमिहीन परिवार समय - समय पर अंचलाधिकारी समेत तमाम कार्यालयों में आवेदन करते आए लेकिन उनकी आवाज आज भी दब कर रह जाती है ।
युवा नेता निशांत यादव ने कहा कि अंचलाधिकारी और कर्मचारियों की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी । आज आवेदन करवाया गया है और अगर कार्यालय द्वारा समय पर पहल नहीं किया जाता है तो विशाल धरना दिया जाएगा ।
मौजूद धीरेन्द्र राम ने कहा कि हमलोग 2000 से आवेदन लेकर कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं । लेकिन हमारे आवेदन पर अब तक कोई पहल नहीं किया जा रहा है । हमलोग पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं ।
मौके पर मानेश्वर ऋषिदेव, प्रमोद कुमार, गंगा सादा, मंगली देवी, समेतला देवी, विनोद सादा, रीना देवी, मीना देवी, कना देवी, अनिल सादा, मंगली सादा, रनों देवी, मुन्नी देवी, विरजा देवी, सरिता कुमारी, नेहा कुमारी, शिकन सदा, मनीष सदा, ऋण देवी, आशा देवी, ननकी देवी, सुमन देवी, गुड़िया देवी, श्रवण सादा, रंभा देवी, कड़ी देवी, पूजा देवी, संतोष पासवान समेत सैकड़ों भूमिहीन लोग मौजूद थे ।

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