स्थानीय ग्रामीण विमलेश पासवान ने बताया कि उन्होंने जल रिसाव शुरू होते ही विभागीय कर्मी हरिनंदन को इसकी सूचना दी और मरम्मत की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मनीषा देवी ने बताया कि वे खुद खेत रोकने गई थीं, तभी से रिसाव शुरू हो गया था। कई घरों में पानी घुस गया, कुछ सामान तो निकाल लिए लेकिन बाकी पानी में बह गए।
मुरलीगंज के एसडीओ उज्जवल सिंह ने बताया कि मामला त्रिवेणीगंज सिंचाई प्रमंडल से जुड़ा है। सूचना भेज दी गई है, पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है और मरम्मत कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
सिंचाई प्रमंडल मुरलीगंज के कार्यपालक अभियंता उबेदुर रहमान ने बताया कि नहर किनारे और नहर पर बने घरों के कारण बार-बार तटबंध टूटने की समस्या होती है। चूहे के बिल और ह्युम पाइप के उपयोग सिंचाई के लिए करते हैं जब कि सिंचाई करने के लिए ह्युम पाइप के चारों ओर नहर के भीतर हिस्से से पक्की कारण आवश्यक होता है। नहीं तो पानी के दबाव के कारण पाइप के चारों ओर काटा शुरू हो जाता है करने के लिए से नहर में कटाव शुरू हो जाता है, जिससे रिसाव बढ़ता है।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि “धान की फसल को इस समय पानी की आवश्यकता तो थी, लेकिन अत्यधिक जलभराव से फसल को नुकसान हुआ है। अगर पानी कई दिनों तक जमा रहा तो और भी नुकसान होगा। जल्द ही नुक़सान का सर्वेक्षण कर आकलन किया जाएगा।”
घटना से विमल, बेचन, गजेंद्र, सुभाष, दीपक, राजकुमार, योगेंद्र, वीरेंद्र, राजेश्वर, सुरेंद्र, पंकज पासवान, रामसुंदर, बलराम, अर्जुन, हिरण, रामस्वरूप मंडल, धीरेंद्र पासवान, विमल यादव, अरुण यादव सहित कई किसानों की फसल और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
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