तीन साल पहले हुई रूपम की शादी :
जानकारी के मुताबिक रूपम की शादी करीब तीन साल पहले चिकनोटवा निवासी मंजय कुमार के साथ हुई थी। विवाह के कुछ ही समय बाद मंजय और उसके परिवारवालों ने दहेज को लेकर रूपम को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पीड़िता के चाचा नवीन कुमार के अनुसार मंजय का किसी अन्य महिला से अवैध संबंध भी था, जिसकी वजह से वह रूपम को लगातार मारता-पीटता था। इसको लेकर कई बार गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
परिजनों ने बताया कि रूपम ज्यादातर समय अपने मायके में ही रहती थी। कुछ दिन पहले मंजय ने बहला-फुसलाकर उसे ससुराल वापस बुलाया और फिर पांच लाख रुपये दहेज की मांग करने लगा। जब मांग पूरी नहीं हुई, तो आरोप है कि 9 जून की शाम करीब 6 बजे मंजय ने रूपम की गला काट कर हत्या कर दी और फिर हत्या के सबूत मिटाने के लिए शव को घर से लगभग 100 मीटर दूर लेकर जाकर जला रहा था।
परिजनों ने चिता से उतारी अधजली लाश :
उसी गांव से किसी व्यक्ति ने रूपम के परिजनों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद उनके परिजन चिकनोटवा पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि रूपम की चिता जल रही थी। परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से चिता को बुझाया और शव को निकालकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंचे और जले हुए शव को कब्जे में लिया।
पुलिस के अनुसार रूपम का शरीर 75 प्रतिशत तक जल चुका था, जिसके कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए मधेपुरा के बजाय भागलपुर भेजा गया है। घटना के बाद से आरोपी पति मंजय कुमार सहित उसके सभी परिजन घर छोड़कर फरार हैं।घैलाढ़ थाना अध्यक्ष ने बताया कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी गई है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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