क्या फीस बकाया के चलते बंद कमरे में रखा गया था उज्ज्वल ?
मृतक की मां का आरोप है कि ₹6,000 फीस बकाया रहने के कारण उनके बेटे को प्रताड़ित किया गया. उन्होंने बताया कि जब वह शनिवार को फीस जमा करने स्कूल पहुंची तो शिक्षक ने कहा कि पहले पैसा दीजिए तभी बच्चे से मिलने देंगे. काफी देर इंतजार के बाद भी बच्चे से मिलने नहीं दिया गया. मृतक के छोटे भाई आनंद कुमार, जो उसी स्कूल में एम-3 में पढ़ते हैं, ने बताया कि उसका भाई तीन दिनों से बीमार था और उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया था. न तो उनसे मिलने दिया गया और न ही बात कराने की अनुमति मिली.
शव छुपाकर भेजने की कोशिश, ग्रामीणों ने रोकी एम्बुलेंस
मृतक के पिता राकेश कुमार ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया कि बच्चे की मौत की सूचना दिए बिना स्कूल संचालक ने शव को चुपचाप गांव भिजवाने की कोशिश की. एम्बुलेंस ड्राइवर को शव और परिजनों को गांव तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन रास्ते में ग्रामीणों को जानकारी मिलते ही एम्बुलेंस को रोक कर पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और स्कूल संचालक समेत संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
प्रशासन पर भी सवाल, स्कूल प्रबंधन फरार
घटना के बाद स्कूल प्रबंधन के सभी शिक्षक और कर्मी फरार हो गए हैं. स्कूल परिसर पूरी तरह खाली मिला और किसी से संपर्क नहीं हो सका. स्थानीय निवासी अमित यादव ने कहा कि स्कूल संचालक का प्रभाव इतना है कि ऐसी घटनाएं दबा दी जाती हैं. उन्होंने जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी से सख्त कार्रवाई की मांग की. क्षेत्र में इस घटना के बाद गुस्से का माहौल है.
मधेपुरा थानाध्यक्ष विमलेंदु कुमार ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. मामले की जांच जारी है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
यह हृदयविदारक घटना जिले में निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़ी करती है. परिजन और स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं.

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