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यह मामला तकनीकी है तो इसका सम्बन्ध कहीं न कही अपराध जगत से भी जुड़ा प्रतीत होता है।दरअसल, पूर्णियां पुलिस ने मधेपुरा जिला निवासी मो इरफान को उनकी कार के लिए एक चालान काटा जिसमें उन्हें हेलमेट नही पहनने के लिए 1000 रु का ऑनलाइन चालान भेज दिया गया। हैरानी की बात यह है कि लंबे समय से मो इरफान की कार पूर्णियां गया ही नही था। जानकारी मिलने के बाद मो इरफान ने थाना में शिकायत दर्ज कराया लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा चालान को निरस्त नही किया गया है।
मोबाइल पर मिला चालान कटने का मैसेज
दरअसल घटना 12 मार्च की है। मार्च महीने में विभागीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी से सड़कों पर उतरी हुई थी। परिवहन नियमो का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार चालान काटा जा रहा था।इसी दौरान मधुबनी थाना क्षेत्र में एक बाइक ( BR 11 AG 6502) सवार को रोका गया और हेलमेट नही पहनने की वजह से 1000 रु का ऑनलाइन चालान काटा गया। मामला यहीं फंस गया। दरअसल उक्त नम्बर बाइक का नहीं बल्कि कार का था। चालान कटने के बाद मैसेज कार मालिक मधेपुरा जिला के चौसा प्रखण्ड के लौवालगान निवासी मो इरफान को उनके मोबाइल नं 9771577120 पर मिला तो उन्होंने अपना माथा पीट लिया।
कार मधेपुरा में ही महीनों से है खड़ी
कार मालिक मो इरफान कहते हैं कि उनके कार का रजिस्ट्रेशन पूर्णियां से है लेकिन उनकी कार हाल के महीने में कभी पूर्णियां जिला की सीमा में भी प्रवेश नही किया।जिस दिन 12 मार्च का चालान काटा गया उसदिन पूरे दिन उनकी कार उनके पैतृक गांव में खड़ी थी। चालान में भी कार की नही बाइक की तस्वीर थी। मो इरफान के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस के इस तरह की कार्यशैली से वे मानसिक रूप से परेशान हैं।कहा कि, जुर्माना बकाया रहने की वजह से उन्हें आगे कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
थाना में कार मालिक ने दर्ज कराई शिकायत
कार मालिक मो इरफ़ान ने परेशान होकर पूर्णियां के मधुबनी थाना में 04 अप्रैल को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाते हुए चालान को निरस्त करने की मांग किया है।उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि उनके वाहन पर हेलमेट मद में 01 हजार रु का चालान काटा गया है जबकि उनका वाहन बाइक नही कार है और कार में हेलमेट पहनने का कोई प्रावधान नही है।
अपराधी कर रहे हैं नकली नम्बरों का इस्तेमाल
इस चालान प्रकरण से यह स्पष्ट हो गया है कि नम्बर BR 11AG 6502 कार का रजिस्ट्रेशन है जिसके इस्तेमाल गलत तरीके से बाइक पर किया जा रहा था।जाहिर है कि इस तरह का काम अक्सर लूट की बाइक में अपराधी ही करते हैं।बाइक लूट कर और फिर उस बाइक का नम्बर बदलकर दूसरी आपराधिक घटनाओं को अंजाम इस बाइक के माध्यम से दिया जाना कोई नई बात नही है।हाल में ही 06 अप्रैल को पूर्णियां शहर में बाइक लूट के दौरान अपराधियों ने एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दिया था।
"चालान की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की गई है। इस मामले में ट्रैफिक पुलिस की भूमिका सीमित है। चालान की राशि की जिम्मेवारी परिवहन विभाग की है।" - कौशल किशोर कमल,ट्रैफिक डीएसपी, पूर्णियां
रिपोर्ट -पंकज भारतीय/ पूर्णियां
(संस्थापक संपादक, मधेपुरा टाइम्स)

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