बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी आशा कुमारी, बीपीआरओ किसलय कुमार, राजकुमार सिंह समेत सभी 22 विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में निदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर पहुंचे. इसी कड़ी में मुरलीगंज प्रखंड के चिन्हित दलित- महादलित बस्तियों में शिविर आयोजित कर वहां रहने वाले लोगों को विभिन्न विभागों की योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि प्रत्येक बुधवार और शनिवार को 22 विभागों के अधिकारी व कर्मी चिन्हित बस्तियों में कैंप लगाएंगे. इन शिविरों के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन, मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन, आवास योजना, शौचालय निर्माण, किसान सम्मान निधि, छात्रवृत्ति योजना, आयुष्मान भारत योजना, दिव्यांग पेंशन, जल-जीवन-हरियाली योजना, मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, भूमि सुधार एवं अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को दिया जाएगा.
डीआरडीए निदेशक ने सभी विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शिविर के दिन सभी संबंधित कर्मी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे और आवेदन प्राप्त कर उसका त्वरित निष्पादन भी सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि शिविर में आने वाले किसी भी लाभुक को निराश नहीं लौटाया जाए.
बैठक में बताया गया कि इस अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं 14 अप्रैल को पटना से करेंगे. उसके बाद 19 अप्रैल से मुरलीगंज सहित जिले के सभी प्रखंडों में प्रारंभ किया जाएगा. प्रखंड क्षेत्र में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को लगातार शिविर का आयोजन किया जाएगा. इस अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रखंड स्तर पर नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे.
बैठक में प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य कर्मी, शिक्षा विभाग, कृषि, समाज कल्याण, श्रम विभाग, आपूर्ति विभाग समेत अन्य विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
निदेशक ने कहा कि महादलित-दलित बस्तियों के लोग अब अपने घर के पास ही सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य भी सार्थक होगा.

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