मुरलीगंज (जीतापुर), 3 अप्रैल: मुरलीगंज प्रखंड के जीतापुर स्थित सार्वजनिक दुर्गा स्थान के प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर हो गए जब देवी राधा किशोरी जी ने कथा वाचन किया और भजनों के माध्यम से भगवान की महिमा का गुणगान किया।
देवी जी ने बताया कि भगवान की भक्ति प्राप्त करने के अनेक मार्ग हैं, और भजन भी एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने भक्त ध्रुव के चरित्र का उल्लेख करते हुए कहा कि कैसे एक छोटी सी उम्र में ही ध्रुव ने कठिन तपस्या कर भगवान को प्राप्त कर लिया। यह कथा सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए और भक्ति की प्रेरणा ली।
प्रह्लाद चरित्र और वामन अवतार की कथा ने भक्तों को किया भाव-विह्वल
चौथे दिन की कथा में देवी राधा किशोरी जी ने भक्त प्रह्लाद की भक्ति का वर्णन किया और बताया कि कैसे प्रह्लाद ने विषम परिस्थितियों में भी भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्यकशिपु के क्रूर अत्याचारों के बावजूद भी प्रह्लाद अडिग रहे, और अंततः भगवान नृसिंह ने प्रकट होकर अपने भक्त की रक्षा की।
इसके बाद देवी जी ने भगवान वामन अवतार की कथा का भी वर्णन किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर बलि महाराज से तीन पग भूमि का दान मांगा और पूरे ब्रह्मांड को अपने चरणों में समा लिया। श्रद्धालु इस कथा को सुनकर अत्यंत भावुक हो गए और "जय श्री हरि" के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
राम कथा और ठाकुर जी के जन्मोत्सव पर भक्तिमय उल्लास
कथा के दौरान देवी जी ने भगवान राम की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान राम का जीवन हमें त्याग, मर्यादा और कर्तव्यनिष्ठा का पाठ सिखाता है। उन्होंने राम भक्त हनुमान के समर्पण की भी चर्चा की और बताया कि यदि हम निष्कपट भाव से भगवान की आराधना करें, तो वे अवश्य कृपा करते हैं।
इसके बाद ठाकुर जी (भगवान श्रीकृष्ण) के जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया गया। "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की" भजन गूंजने लगे और श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक नृत्य करते हुए ठाकुर जी के जन्म का उल्लास मनाया। , जिससे भक्तों में और अधिक आनंद का संचार हुआ।
भक्तों की अपार भीड़, भजन-कीर्तन से गूंजा वातावरण
इस दिव्य आयोजन में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे और कथा व भजन-कीर्तन का रसास्वादन किया। कई श्रद्धालुओं ने देवी जी के चरणों में बैठकर भजन सुने और भक्ति रस में डूब गए। भजन की धुन पर श्रद्धालु झूमने लगे और पूरा वातावरण "हरे राम हरे कृष्ण" के संकीर्तन से गूंज उठा।
आयोजन समिति ने किया सफल व्यवस्था का संचालन
आयोजन समिति ने इस धार्मिक आयोजन की व्यवस्थाओं को बेहतरीन ढंग से संभाला। श्रद्धालुओं के लिए बैठने, प्रसाद वितरण और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई। कथा स्थल को सुंदर फूलों और रोशनी से सजाया गया, जिससे संपूर्ण वातावरण दिव्यता से भर गया।
इस अवसर पर कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे, जिन्होंने धार्मिक आयोजनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मकता और आध्यात्मिकता का संचार करते हैं।

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