स्थानीय लोगों के अनुसार, यह वारदात बुधवार रात को अंजाम दी गई। पहले ऐसा कहा गया कि दोनों की गोली मारकर हत्या हुई है, लेकिन बाद में पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि दोनों की हत्या ईंट-पत्थर से कुचलकर की गई। शव की हालत बेहद वीभत्स थी।
मृतक दम्पति मूल रूप से पूर्णिया जिले के बरहरा कोठी के पोठिया गांव के रहने वाले थे। दिनेश दास वर्षों से रजनी प्रसादी चौक पर अपने ससुराल में ही घरजमाई बनकर रह रहे थे। मृतका के ससुर स्व. सिंघेश्वर दास ने अपनी सभी संपत्ति पांच बेटियों में बांट दी थी।
हत्या के विरोध में सड़क जाम, फॉरेंसिक टीम ने की जांच
हत्या की जानकारी मिलते ही गुरुवार रात मुरलीगंज थानाध्यक्ष अजीत कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम हेतु मधेपुरा भेजा गया।
शुक्रवार सुबह जैसे ही शव गांव पहुंचा, मृतकों की पुत्री रंजन कुमारी ने शव को स्टेट हाईवे 91 पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने सुबह 8 बजे से लेकर 10:30 बजे तक सड़क जाम रखा, जिससे ढाई घंटे तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा।
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि हत्या में शामिल आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए और संपत्ति विवाद की गहराई से जांच हो। थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड को बुलाकर घटनास्थल की जांच कराई गई है।
जमीन विवाद में हत्या की आशंका, बेटी ने लगाए गंभीर आरोप
मृतक की बेटी रंजन कुमारी, जो ससुराल टेमा महारगंज में रहती हैं, ने आरोप लगाया कि उनके माता-पिता की हत्या संपत्ति के विवाद को लेकर की गई है।
उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह से अपने पिता के मोबाइल पर कॉल कर रही थीं, लेकिन जब फोन बंद मिला, तो संदेह हुआ। उन्होंने स्थानीय दुकानदार से संपर्क कर स्थिति देखने को कहा।
स्थानीय निवासी अशोक कुमार की पुत्री पूजा कुमारी सबसे पहले घर पहुंची और मृतक दंपती को जगाने का प्रयास किया। लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला, तब शक गहराया और पुलिस को सूचना दी गई।
रंजन कुमारी का आरोप है कि हत्या के बाद घर से सभी जरूरी कागजात, मोबाइल, नकदी और जमीन के दस्तावेज भी गायब हैं। उन्होंने कहा कि "अगर हम यहां रहेंगे तो हमें भी पिता की तरह संपत्ति के लिए मार दिया जाएगा। हम गरीब हैं, हमें कौन देखेगा?"
थाना प्रभारी बोले– आवेदन के बाद होगी विधिवत कार्रवाई
मामले में थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि मृतकों के परिजन अभी दाह-संस्कार में व्यस्त हैं। जैसे ही आवेदन प्राप्त होगा, विधिवत प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फॉरेंसिक रिपोर्ट और डॉग स्क्वाड की जांच रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

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