यह मामला बुधवार को बिहार बंद के दौरान सामने आया, जब महिला के पति चंदन कुमार मीडिया के सामने यह वोटर आईडी लेकर पहुंचे। उन्होंने इसे सिस्टम की गंभीर चूक बताते हुए कहा कि इस तरह की गलती वोटर आईडी तैयार करने वाली एजेंसी या कर्मचारी की लापरवाही को दर्शाती है। उन्होंने उच्च स्तर पर जांच की मांग की है ताकि इस तरह की चूक भविष्य में न हो और दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।
चंदन कुमार ने बताया कि करीब ढाई महीने पहले पोस्ट ऑफिस के माध्यम से उनकी पत्नी के नाम से वोटर आईडी कार्ड आया। लिफाफे पर नाम और अन्य विवरण उनकी पत्नी के थे, लेकिन जब कार्ड खोला गया तो उस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फोटो छपी हुई थी।
उन्होंने बताया कि इस गड़बड़ी को लेकर जब वे संबंधित बीएलओ के पास गए तो उन्हें यह बात किसी को न बताने की सलाह दी गई। चंदन ने सवाल उठाया कि आमतौर पर वोटर आईडी में किसी अनजान व्यक्ति की तस्वीर गलती से आ सकती है, लेकिन एक राज्य के मुख्यमंत्री की फोटो किसी आम महिला के कार्ड पर आना बहुत बड़ी लापरवाही है। उन्होंने इसे सिस्टम की गंभीर चूक बताते हुए कहा कि इस तरह की गलती वोटर आईडी तैयार करने वाली एजेंसी या कर्मचारी की लापरवाही को दर्शाती है। उन्होंने उच्च स्तर पर जांच की मांग की है ताकि इस तरह की चूक भविष्य में न हो और दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।
इस संबंध में उप निर्वाचन पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि कर्नाटक से मतदाता पहचान पत्र बनकर आता है। फार्म आठ भरकर वह एसडीओ कार्यालय में या ऑनलाइन जमा करेंगे तो उसमें सुधार हो जाएगा।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 09, 2025
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