बीएनएमयू आइसा विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि इस कठिन परिस्थितियों में निर्णायक जीत दर्ज करने वाले सभी साथियों को सलाम। जेएनयू के छात्र-छात्राओं का क्रांतिकारी अभिनंदन, जिनका संघर्ष और जीत देश के लोकतांत्रिक आंदोलन को नई ऊर्जा और मजबूती प्रदान करती है। यह जीत इसलिए भी विशेष महत्व रखती है क्योंकि इस बार वामपंथी-धर्मनिरपेक्ष संगठन अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे। इसके बावजूद, जेएनयू के छात्र-छात्राओं ने फासीवादी हमलों के इस दौर में अपने परखे हुए संघर्षशील मंच आइसा पर भरोसा जताया।
आइसा मिडिया प्रभारी राजकिशोर राज ने कहा कि यह जीत जेएनयू के छात्रों का जीत है. जहाँ विश्वविद्यालय मे लगातार फंड कटौती की जा रही है उस पर आइसा लड़ रही है और विश्वविद्यालय एडमिन द्वारा जिस तरह आंदोलन पर फाइन लगाया जा रहा है यह जीत बता दिया कि लोकतंत्र जिन्दा है.
मौके पर आइसा नेता ऐजाज अख्तर, नीरज कुमार, विकास कुमार, संतोष कुमार, कौशल कुमार, शिवम कुमार, राजकिशोर कुमार, सौरभ आदि दर्जनों आइसा नेता मौजूद थे।

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