इस अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुकों, छात्र, छात्राओं, कस्तूरबा विद्यालय के छात्रों के बीच महिला हिंसा, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, भ्रूण हत्या, महिला हैल्पलाईन नंबर 181, आपातकालीत हेल्पलाइन नंबर 112 के बारे में विस्तृत रुप से बताया गया. कार्यक्रम के अंत में जिन छात्राओं द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं महिला हिंसा के बारे में बताया गया उन छात्र एवं छात्राओं को जिला प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रोग्राम पदाधिकारी -सह- नोडल पदाधिकारी श्रीमती रश्मि कुमारी ने कहा कि हिंसा की शुरुआत घर से होती है इसलिए सभी महिलाओं को अपने आप को मजबूत करने की आवश्यकता है. हिंसा होने पर महिलाएं सहें नहीं कहें और 181 पर कॉल करें. साथ ही कहा कि भ्रूणहत्या एक अभिशाप है. इसके तहत पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत 3 से 5 साल का सजा एवं 10000 से 50000 तक का जुर्माना हो सकता है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये बाल विकास परियोजना पदाधिकारी स्वाति कुमारी ने कहा कि शिक्षा मानव जीवन में सही दिशा ओर दशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
कार्यक्रम को जिला परियोजना प्रबंधक अमन कुमार, प्रधानाध्यापक, शिक्षक दीपनारायण यादव, अमित कुमार, वॉर्डन मधु कुमारी ने भी सम्बोधित किया.
कार्यक्रम में जिला समन्वयक अंशु कुमारी, प्रखंड समन्वयक राजेश कुमार, महिला पर्यवेक्षिका रीता कुमारी, सेविका विनम, पुष्पलता, अनुराधा रानी संतोषी के साथ-साथ कई छात्र, छात्राएँ, शिक्षक, शिक्षिका, सेविका एवं ग्रामीण मौजूद थे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 25, 2024
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