सिविल सोसाइटी की मांग पर JNKT मेडिकल कॉलेज का मामला उठा विधान परिषद में

मधेपुरा मेडिकल कॉलेज की बदहाली व चिकित्सकों के कम पद रहने को लेकर विधान पार्षद डॉ अजय कुमार सिंह ने विधान परिषद में सरकार को घेरा. 

मधेपुरा मेडिकल कॉलेज का उदाहरण देते हुए विधान पार्षद ने सदन में पूरे राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रोफ़ेसर, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की कमी को लेकर कटाक्ष भी किया. इन्होंने मेडिकल कॉलेज में प्रोफ़ेसर, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एवं एसोसिएट प्रोफ़ेसर के स्वीकृत पद के विरुद्ध महज 30 प्रतिशत पदस्थापित रहने पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसे में तो राज्य के मेडिकल कॉलेज डिग्री डिस्ट्रिब्यूशन मशीन कि तरह कार्य कर रही है. विधान पार्षद ने सवालिया लहजे में पूछा कि ऐसे में यहाँ से मेडिकल की पढाई कर रहे छात्र कैसे डॉक्टर बनकर निकलेंगे. विधान पार्षद अजय सिंह ने चर्चा के दौरान सदन में कहा कि मधेपुरा मेडिकल कॉलेज तो पोस्ट ऑफिस की तरह कार्य कर रहा है. हल्के फुल्के गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है.

इन्होंने कहा कि ऐसे में तो वही कहानी दुहराई जायेगी कि मरीज के पेट में कभी चाकू छूट गया तो कभी रुई छुट गयी. वहीं मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की कमी को लेकर कहा कि वहाँ हल्के गंभीर मरीज को भी पटना एवं अन्य बड़े हॉस्पिटल को रेफर किया जाता है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे द्वारा सदन मे जब कहा गया कि समुचित इलाज हो रहा है तो इन्होंने कहा कि एक महीने का मेडिकल कॉलेज का आंकडा मंगवा लिया जाये कि वहाँ से कितने मरीज को रेफर किया गया है. 

इन्होंने सदन में बताया कि मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में प्रोफ़ेसर के स्वीकृत 24 पद के विरुद्ध मात्र चार प्रोफ़ेसर पदस्थापित है. फॉरेंसिक विभाग में मात्र एक चिकित्सक है. विधान पार्षद ने बताया कि प्रोफ़ेसर की ही तरह असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एवं एसोसिएट प्रोफ़ेसर की भी भारी कमी है. 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया चल रही नियुक्ति प्रक्रिया:- विधान परिषद में तथ्य और आकड़ों के साथ विधान पार्षद द्वारा उठाये गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री बैक फुट पर नजर आये. उन्होंने सदन में बताया कि मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में प्रोफ़ेसर, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एवं एसोसिएट प्रोफ़ेसर, विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी एवं समान्य चिकित्सा पदाधिकारी के कुल 40 चिकित्सक पदस्थापित है. वहीं सीनियर रेजिडेंट एवं ट्यूटर 37 पोस्टेड है. मंत्री ने बताया कि पूरे राज्य के मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कार्य हेतु 1711 असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर नियमित नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेजी गयी है. वहीं सीनियर रेजिडेंट एवं ट्यूटर के 1837 पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार राज्य संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद द्वारा विज्ञापन निकाला जा चुका है. आयोग एवं पर्षद द्वारा मेधा सूची प्राप्त होते ही मधेपुरा मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक व चिकित्सक शिक्षक की नियुक्ति कर दी जायेगी. 

सिविल सोसाइटी ने आंकड़ो समेत सौंपा था ज्ञापन:- 30 अक्टूबर को सिविल सोसाइटी का एक शिष्टमंडल विधान पार्षद डॉ अजय कुमार सिंह से मधेपुरा में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में मेडिकल कॉलेज की बदहाली एवं सृजित पद के विरुद्ध मात्र 30 प्रतिशत चिकित्सक के पदस्थापित रहने को लेकर इलाज एवं मेडिकल छात्रों की पढाई सही तरीके से नहीं हो पाने की बात कही थी. विधान पार्षद डॉ अजय कुमार सिंह ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया था कि इस मामले को विधान परिषद के सत्र में उठाऊँगा. वहीं इन्होंने मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री व अपर मुख्य सचिव से मिलने को भी आश्वस्त किया था. ज्ञापन में बताया गया था कि मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की भारी कमी है. चिकित्सकों के कुल सृजित 232 पद के विरुद्ध मात्र 62 चिकित्सक ही पदस्थापित है. पदस्थापित 62 चिकित्सकों में से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर मात्र 24 ही है. कॉलेज में अध्ययनरत बच्चों की पढाई के साथ मरीजों के इलाज इन्ही के जिम्मे रहती है. इस वजह से न सिर्फ मरीजों के जीवन से खिलवाड़ है बल्कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों के जीवन से भी खिलवाड़ है.

वहीं कुल चिकित्सकों के सृजित पदों के विरुद्ध पदस्थापन की अगर बात की जाय तो प्रोफेसर के स्वीकृत 24 पदों के विरुद्ध मात्र 4 ही पदस्थापित है. इसी प्रकार एसोसिएट प्रोफेसर के स्वीकृत 43 के विरुद्ध 10 एवं असिसटेंट प्रोफेसर के स्वीकृत 76 पद के विरुद्ध भी महज 10 ही पदस्थापित है. वहीं सीनियर रेजिडेंट के स्वीकृत 58 पद के विरुद्ध 26 एवं ट्यूटर के स्वीकृत 32 पद के विरुद्ध मात्र 10 पदस्थापित है.

सिविल सोसाइटी की मांग पर JNKT मेडिकल कॉलेज का मामला उठा विधान परिषद में सिविल सोसाइटी की मांग पर JNKT मेडिकल कॉलेज का मामला उठा विधान परिषद में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 28, 2024 Rating: 5

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