कचरे से निकल रही बदबू से इस मार्ग से गुजरने वाले लोग परेशान रहते हैं। पहले यह अधिसूचित क्षेत्र पुनः 2000 में नगर पंचायत बने 23 साल हो गए, लेकिन यहां कचरा डंपिंग स्थल का निर्माण नहीं किया गया। नगर पंचायत से रोज निकलने वाला पांच से छह टन कचरा के बजाय नगर के अलग-अलग सड़कों व वार्ड में आबादी के बीच फेंका जा रहा है। सड़न होने पर बदबू आ रही है। रास्ते से गुजर रहे लोग नाक पर रुमाल रखकर आ जा रहे हैं। संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। लोगों के विरोध के बाद भी कूड़ा आबादी के बीच ही रखा जा रहा है।
नगर पंचायत द्वारा आबादी के बीच कूड़े को डंप किया गया है। सड़न होने से दुर्गंध निकल रही है। पैदल आने जाने वालों को परेशानी हो रही है। आबादी के बीच कूड़ा का ढेर लगने से वार्ड के लोगों को संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका सता रही है। शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जा रहा है। तेज हवा चलने पर कूड़ा राहगीरों के ऊपर पड़ रहा है। मुरलीगंज स्टेशन रोड जो प्रखंड कार्यालय की ओर भी जाती है वहां भी कचरा डंपिंग किया जाता है. वहीं वार्ड नंबर 7 में नदी के किनारे कचरा फेंका जाता है. लोगों की बड़ी संख्या में इस मार्ग से आवाजाही होती है, जो कचरे के उठने वाले दुर्गंध से बचने के लिए नाक बंद कर गुजरते हैं।
अजय कुमार भारती जो प्रतिदिन घर से कुमारखंड की ओर ऑफिस जाने के लिए वार्ड नंबर 1 के रास्ते होकर के गुजरते हैं उन्होंने कहा कि नगर को स्वच्छ रखना नगर पंचायत की पहली जिम्मेदारी है, लेकिन यहां तो नगर पंचायत ही नगर के कचरे को सड़क किनारे फेंक कर लोगों का जीना मुश्किल कर रही है।
वार्ड नंबर 1 के पास बेंगा नदी में फेंका जा रहा है कचरा
सरकार की ओर से पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जल जीवन हरियाली योजना के तहत पौधारोपण भी किया जा रहा है। प्रत्येक साल लाखों पेड़-पौधे लगए जा रहे है। जलश्रोतों को मजबूत किया जा रहा है। ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे है। वहीं दूसरी ओर मुरलीगंज नगर पंचायत नदी को कचरा डंपिग जोन बनाया जा रहा है।
वाहनों के चलने से उड़ती धूल समस्या को दोगुना कर रहा है। बावजूद नगर पंचायत का ध्यान ठोस कचरा प्रबंधन की ओर नही है। सड़कों पर नाली के कीचड़ से लेकर धूल पड़ा रहना आम है। अगर कचरा उठाया भी गया तो उसे बेंंगा नदी में डालकर इति श्री कर ली जाती है.
मामले में नगर पंचायत प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि विषयक प्रसंग क्रम में माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण में दायर OA No.- 655/2024/PB दिनांक- 01.07.2024 को पारित आदेश के अनुपालन नंदनी वेस्ट मैनेजमेंट मुजफ्फरपुर के नाम से दिनांक 6.9.2024 को पत्र भी लिखा था जिसमें, हिदायत देते हुए कहा गया कि आपकी संस्था द्वारा बेंगा नदी के कैचमेंट क्षेत्र में कचरा डंपिंग किया जाता है। जिससे नदी प्रदूषित हो रही है। यह सरासर मनमानी एवं एकरारनामा शर्तों के साथ-साथ NGT के नियमों का भी उल्लंघन है।कि पत्र प्राप्ति के साथ ही नदी के कैचमेंट क्षेत्र में कचरा डंपिंग करना अविलम्ब बंद कर दें। तथा कैचमेंट क्षेत्र में डंप किये गये कचरे को उठाव कर उपयुक्त स्थान की पहचान कर डंप करना सुनिश्चित करें।
वहीं नगर पंचायत प्रशासन ने बताया कि डंपिंग स्थल के उपलब्ध कराने के लिए मुरलीगंज अंचल प्रशासन को पत्रांक 850 दिनांक 16 11.2024 को पत्र लिखकर 2•5 एकड कर भूमि मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के सीमा क्षेत्र के 4 किलोमीटर रेडियस में उपलब्ध करवाने की हेतु पत्र प्रेषित किया गया है. कार्यपालक पदाधिकारी सिंधु कमल ने बताया कि नगर पंचायत में जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण कचरा डंपिंग स्थल निर्माण का कार्य अटका हुआ है।
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