इस बावत थाना में दिए आवेदन में मृतक की मां मंजुला देवी ने बताया कि 12 सितंबर दिन मंगलवार को सुबह लगभग 8:00 बजे संतोष कुमार पटेल, सूरज कुमार पटेल सहित चार युवक मेरे पुत्र को जबरदस्ती घर से उठाकर ले गए. दोपहर तक जब वापस नहीं आया तो मैं, मेरे पति पुलकित मंडल और मेरी बेटी विभा देवी खोजते खोजते संतोष पटेल के बासा जो वैसी वासा नहर से पूरब बांस विट्टी में है वहां पहुंचे तो देखा कि मेरे पुत्र को एक पैर में बांधकर बेरहमी से लाठी, डंडा एवं बिजली के तार से मारपीट कर रहा है. यहां पर संतोष पटेल, सूरज पटेल के अलावे अन्य वह युवक भी साथ में था जो मेरे घर से उसे ले जा रहा था. साथ ही अन्य अज्ञात 10 से 15 युवक थे जो मेरे बेटे के साथ मारपीट कर रहे थे. जब मैंने छोड़ने के लिए गुहार लगाया तो संतोष पटेल और सूरज पटेल ने बोला कि पहले एक लाख रुपए लाओ तब तुम्हारे बेटे को छोड़ेंगे. यह कह कर हम लोगों को धक्का देकर वहां से भगा दिया. घर आने के कुछ देर बाद जब संतोष पटेल के मोबाइल पर फोन किया तो वह बोला कि पैसा लेकर आओ शाम तक छोड़ देंगे. फिर मैं 50 हजार जमा कर शाम करीब 7:00 बजे संतोष पटेल को फोन किया तो उसका मोबाइल बंद बता रहा था. फिर लगभग 10:00 बजे के करीब संतोष पटेल को फोन की तो उसने बोला कि तुम्हारे बेटे को छोड़ दिए हैं. जब मेरा बेटा सुबह तक घर नहीं आया तो हम लोग खोजने लगे. खोजते खोजते संतोष पटेल के बासा पर गए तो वहां पर कोई नहीं था, जिसके बाद हम लोग को अनहोनी का बात सताने लगी.
दिनांक 14 सितंबर को सुबह जब मेरे बेटे का चप्पल संतोष पटेल के बासा के पास एक तालाब में मिला तो तुरंत पुलिस थाना में जाकर सूचना दिया. जिसके बाद पुलिस द्वारा घंटे मशक्कत कर खोज बीन की गई. उसी दरमियान मेरी बेटी और पत्नी को मेरे बेटे का शव हरिहर टोला के पास ड्रेनेज नदी में दिखाई दिया. जिसकी सूचना थाना को दिया गया. शव को पानी से निकाला गया तो उसका सर नहीं था लेकिन मैं और मेरा पूरा परिवार अपने बेटे को कपड़े और शरीर के बनावट से पहचान किया. वहीं इस बावत प्रभारी थाना अध्यक्ष रविंद्र राय ने बताया कि मृतक के माँ के द्वारा दिए गए आवेदन पर पांच नामजद एवं 15 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. नामजद अभियुक्त की धरपकड़ को लेकर छापेमारी की जा रही है. जल्द ही इसमें शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
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