शिक्षक बहाली में डोमिसाइल लागू करने व स्नातक कोर्स में फीस वृद्धि के खिलाफ आइसा का भूख हड़ताल

शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति को लागू करने तथा 4 वर्षीय स्नातक कोर्स एवं व्यापक फीस वृद्धि के खिलाफ आइसा ने किया बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय मुख्यालय में दो दिवसीय भूख हड़ताल.

बीएनएमयू विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली की अध्यक्षता में बीएनएमयू मुख्यालय में कहा गया कि बिहार के विश्वविद्यालयों में राजभवन के आदेश पर राष्ट्रीय नयी शिक्षा नीति 2020 को लागू किया जा चुका है. जिसके अंतर्गत चार वर्षीय स्नातक कोर्स एवं सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया गया है. चार वर्षीय स्नातक कोर्स लागू होने के बाद गरीब दलित पिछड़े तबके से आने वाले छात्र-छात्राओं को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. 

बीएनएमयू अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के पहले बिहार में स्नातक का अधिकतम फीस लगभग 8 हजार था परंतु नयी शिक्षा नीति लागू होने के पश्चात स्नातक कोर्सेज में बेतहाशा फीस वृद्धि हो चुकी है. जिसकी वजह से दलित, वंचित एवं गरीब तबके के छात्रों के लिए आने वाले दिनों में कैम्पस का दरवाजा बंद हो जाएगा. चार वर्षीय स्नातक कोर्स लागू होने के बाद स्नातक का न्यूनतम फीस 22500 हो चुका है. उसके साथ ही छात्रों से प्रति सेमेस्टर परीक्षा फीस, लैब फीस लिया जाएगा, जिसके कारण छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा. जिसका व्यापक असर समाज के गरीब दलित पिछड़े समुदाय से आने वाले छात्रों पर पड़ेगा. नियमावली में कुलपति के द्वारा फीस स्ट्रक्चर का Revision करने की बात कही गई है. जिसका नतीजा आने वाले दिनों में व्यापक फीस वृद्धि व विश्वविद्यालयों को धन की उगाही का केंद्र बनाए जाने की संभावना है. 

नई शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के निज़ीकरण एवं शिक्षण संस्थानों में ब्राहमणवाद को बढ़ावा देने वाली नीति है. मल्टीपल इंट्री इक्जिट की व्यवस्था ड्रॉपआउट को वैधता प्रदान करता है. यह शिक्षा नीति बिहार के विश्वविद्यालयों को कॉर्पोरेट के लिए सस्ता मजदूर बनाने एवं डिग्री बाँटने के अड्डे में तब्दील कर देगा. वंचित तबके को उच्च शिक्षा एवं शोध परक शिक्षा से वंचित करेगा.

जिला संयोजक पावेल कुमार ने कहा विज्ञान व सामाजिक विज्ञान विषयों में आरएसएस के विचारधारा से प्रेरित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है. जैसे कि हड़प्पा सभ्यता के इतिहास को हड़प्पा-सरस्वती सभ्यता के नाम से पढ़ाया जाएगा. आर्य के बारे में भ्रांतियाँ नायक विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है. नयी शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम मूर्तिपूजन जैसे अंधविश्वासी विषयों को जोड़ कर बिहार समेत देश भर में आने वाली पीढ़ियों में वैज्ञानिकी दृष्टिकोण को खत्म कर रूढ़िवादी सोच को स्थापित करने की साजिश कर रही है. शिक्षक बहाली में लागू डोमिसाइल नीति को वापस लिया जाए.

अतः छात्र संगठन आइसा इसी सत्र में की गई व्यापक फीस वृद्धि पर तत्काल रोक लगाने, चार सालाना स्नातक कोर्स को वापस लेने एवं नई शिक्षा नीति 2020 को वापस लेने की मांग करता है. मौके पर विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार, विकास कुमार, श्याम कुमार, लव कुश कुमार, सोनू कुमार, अभिषेक कुमार आदि सभी छात्र मौजूद थे.

शिक्षक बहाली में डोमिसाइल लागू करने व स्नातक कोर्स में फीस वृद्धि के खिलाफ आइसा का भूख हड़ताल शिक्षक बहाली में डोमिसाइल लागू करने व स्नातक कोर्स में फीस वृद्धि के खिलाफ आइसा का भूख हड़ताल Reviewed by Rakesh Singh on July 04, 2023 Rating: 5

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