गर्व कीजिए: मधेपुरा की बेटी नेहा ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा में सफल होकर रचा इतिहास

मधेपुरा की इस बेटी की तारीफ़ में शब्द कम पड़ जाएँ. सहज-सरल इस मासूम सी बेटी को जो करीब से जानते थे उन्होंने इतना भरोसा तो था ही कि ये कमाल करेगी, पर पहले ही प्रयास में मुरलीगंज के रामानंद लाल दास और पूनम वर्मा की बेटी नेहा UPSC सिविल सेवा जैसी दुरूह माने जाने वाली परीक्षा के तीनों बाधाओं, प्रीलिम्स, मेन और इंटरव्यू को पार कर लेगी, ये शायद किसी ने नहीं सोचा था.

जाहिर है प्रतिभा शायद किसी परिस्थिति का मुहताज नहीं होती है. ये मधेपुरा है और यहाँ की एक बड़ी खाशियत है कि यहाँ विषम परिस्थितियों में भी कई प्रतिभाशाली बच्चे निखर कर सामने आ जाते हैं जिसे एक बार फिर नेहा ने साबित कर दिया. नेहा कुमारी (को UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम में देश में 916वां स्थान मिला है. नेहा ने मधेपुरा जिले और कोसी के छात्रों और अभिभावकों में सुनहरे सपने देखने की आस जगा दी है.

बताते चलें कि पिता रामानंद लाल दास पेशे से अधिवक्ता हैं जो 1987 से व्यवहार न्यायालय में वकालत कर रहे हैं, जबकि माता पूनम वर्मा भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ एलएलबी की डिग्री प्राप्त कर चुकी है. 

बेटी नेहा ने बिहार के मधेपुरा जिले के गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ डाला. नेहा ने बचपन में प्राइमरी शिक्षा कुछ समय के लिए संस्कार भारती पब्लिक स्कूल मुरलीगंज से प्राप्त की थी, फिर मध्य विद्यालय दिग्धी से आगे की पढ़ाई पूरी की. मध्य विद्यालय दिग्घी से आगे की पढ़ाई पूरी कर रही थी कि नवोदय की परीक्षा में चयनित होने के उपरांत मधेपुरा के मनहरा नवोदय विद्यालय में आगे की पढ़ाई पूरी की. नवोदय की शिक्षा प्राप्ति के उपरांत माता-पिता के स्नेह और प्रोत्साहन पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नामांकन करवाया. वहीं से नेहा अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयत्नशील हो गई वहां उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विषय से प्रतिष्ठा की परीक्षा पास की.

16 जनवरी 2017 को दिन के 2:00 बजे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के 99 वे दीक्षांत समारोह में स्नातक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्णता प्राप्त करने पर कुलपति डॉ गिरीश चंद्र त्रिपाठी द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. फिर वहीं से 2018 स्नातकोत्तर अंग्रेजी विषय से प्रथम श्रेणी से पास की. वर्ष 2018 में ही नेट और जेआरएफ दोनों निकाला. तत्पश्चात वर्ष 2022 में अंग्रेजी विषय में Representation of Sexual Violence in select writings of Post-independence Indian Women writers in English (आजादी के बाद भारतीय महिला लेखकों द्वारा अंग्रेजी भाषा में यौन हिंसा का चित्रण) टॉपिक से पीएचडी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी अंग्रेजी विषय को ही लेकर शुरू कर दी.

प्रतिभा सर चढ़कर बोलती रही और इस दौरान 2022 में नेहा ने मुंबई में सेबी में राजभाषा पदाधिकारी के पद पर योगदान किया जहाँ वे अभी कार्यरत हैं.

माता-पिता के साथ नेहा 

मधेपुरा टाइम्स को फोन पर उन्होंने जानकारी देते हुए नेहा बताया कि वह पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठी थी और उसने प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार तीनों परीक्षा में उत्तीर्णता प्राप्त की. अपनी हर सफलता का श्रेय सबसे ज्यादा वह अपने माता पूनम वर्मा और पिता रामानंद लाल जी को देती है. आगे नेहा ने कहा कि मां का असीम प्यार और आत्मबल प्रदान करने कारण ही आज  इस मुकाम पर पहुंची है.

यूपीएससी  की परीक्षा में 916 वां स्थान आने पर नेहा करती है कि आगे फिर प्रयास करेंगे, तत्काल जो भी पद मिलेगा उसे  स्वीकार करेगी. पुन: नई मंजिल पाने के लिए प्रयास करेगी.

अपनी सफलता के मूल मन्त्र के विषय में बताया कि समय के अनुसार पढ़ाई और समय के अनुसार सभी चीजों पर एक साथ फोकस करने के उपरांत ही आज वह इस मुकाम को हासिल कर पाई है. मधेपुरा टाइम्स परिवार की तरफ से नेहा को इस शानदार सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं.

गर्व कीजिए: मधेपुरा की बेटी नेहा ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा में सफल होकर रचा इतिहास गर्व कीजिए: मधेपुरा की बेटी नेहा ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा में सफल होकर रचा इतिहास Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 24, 2023 Rating: 5

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