वहीं जयपालपट्टी चौक पर फ्रेंड्स ऑफ आनंद मधेपुरा के संयोजक पूर्व पार्षद ध्यानी यादव की अध्यक्षता में एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर व आतिशबाजी कर प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी फ़्रेंड्स ऑफ आनंद समर्थकों को वर्षोँ से श्री आनंद मोहन की रिहाई के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे थे. अब जाकर इंतजार की घड़ी खत्म हुई. हम सभी पूर्व सांसद के संकट के समय में हमेशा साथ रहे, जैसे एक माली सूखे पौधे को भी सींचता है ठीक उसी तरह हम सभी पूर्व सांसद की अनुपस्थिति में भी उन्हें सींचने का काम किये हैं. आज उसी का परिणाम है कि 14 वर्षोँ से अधिक समय भी जेल की काल कोठरी में रहने का बावजूद आनंद मोहन का आमलोगों के बीच प्रभुत्व व प्यार कम नहीं हुआ है.
ध्यानी यादव ने कहा कि उन्होंने जेल में बंद रहते हुए कई काव्य, कविता एवं पुस्तकें लिखी. जिसमे "दशरथ मांझी" (द माउंटेन मैन) को आज सीबीएसई पाठ्यक्रम में पढ़ाया भी जाता है, जो कि अपने आप मे गौरव की बात है. इतना ही नहीं वे जेल में रहते हुए भी उर्दू विषय से एम.ए की परीक्षा उत्तीर्ण किये.
मौके पर सत्यनारायण सिंह उर्फ बाबा जी सिंह ने कहा कि हमलोग हमेशा से ही धैर्य रख कर माननीय न्यायालय के निर्देश का सम्मान करते आये हैं. आज उसी का परिणाम है कि हम सबों के चहेते नेता आज जेल से बाहर आ गए हैं. युवाध्यक्ष अमित कुमार उर्फ मोनी सिंह ने कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल में रहते हुए भी गरीब, दलित-महादलित व शोषितों की खातिर हमेशा लड़ने व मदद करने का कार्य करते रहे. कभी भी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किये.
इस मौके पर फ्रेंड्स ऑफ आनंद के दीपक सिंह, संजय राय, अशोक ठाकुर पूर्व बैंक अधिकारी, आनंद सिंह उर्फ सोनी सिंह, दिवाकर यादव, विन्देश्वरी यादव, शोखी मंडल, प्रसिद्ध व्यवसायी कन्हैया दास, लक्षमण कुमार, राजू सिंह, निक्कू कुमार, बाबुल यादव, संजय ठाकुर, गोलू कुमार, रंजीत सिंह सहित अन्य फ्रेंड्स ऑफ आनंद के शुभचिंतक मौजूद रहे.
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