'ईश्वर एक है उसको पाने का मार्ग भी एक है, वह सब के अंदर हैं': स्वामी श्री निर्मलानंदन जी महाराज

 

मधेपुरा जिले के गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय स्थित कायस्थ टोला में महर्षि संतसेवी महाराज के जन्मभूमि पर दो दिवसीय संतमत सत्संग के अंतिम दिन बुधवार को भागलपुर के कुप्पाघाट से आए पूज्य स्वामी श्री निर्मला नंदन जी महाराज ने कहा कि ईश्वर एक है उसको पाने का मार्ग भी एक है. वह सब के अंदर हैं. उन्हीं ईश्वर को भक्त श्रद्धा वश विभिन्न नामों से पुकारते हैं. वह वैदिक सनातन धर्मीवलीत वह राम, कृष्ण, शिव, दुर्गा, तो इस्लाम धर्म वाले अल्लाह तो इसाई धर्म वाले गॉड कहते हैं. ईश्वर सर्वव्यापी है. 

मानव वास्तव में वही है जिनमें मनुष्यता की झलक है. सत्याचरण विहीन मानव में वास्तविक्ता की कमी होती है. धर्म एक है जो मानव को जीवित रखता है और जो आचरण से गिर गया, तो वह सृष्टि का सबसे निकृष्ट प्राणी बन जाता है. हम कर्म से ऊँचे और अकर्म से ही हीन कहलाते हैं. मानव का सत कर्तव्य ही एक पूजा है और पूजा ही व्यक्ति को महान बनाता है. सिर्फ जीवन धारण करना ही मानवता की विशेषता नहीं है बल्कि जीवन के साथ ज्ञान धारण करना परम आवश्यक है. वैसे तो कीट पतंग भी जीवन धारण करता है. जीने के रहस्य को जो जान जाता है वही मानव कहलाता है. मानव मात्र का कर्तव्य होता है कि प्रेम का भक्ति करे परमात्मा के भक्ति से आत्मा शुद्ध होती है. आपसी प्रेम और सद्भावना बढ़ता है. धर्म धारण करने की वस्तु है. सत्य का धारण करने से कल्याण होगा. सच्चाईयों का पालन से यह धरती गौरवान्वित होती है. 20वीं सदी के महान संत महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज के पावन भूमि है. महर्षि संतसेवी महाराज  को पाकर हम लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. 

अंतिम दिन दूर-दूर से आए श्रद्धालु सत्संग सुनकर आनंद लिए एवं सभी सत्संगियों के लिए भंडारा का आयोजन किया गया था. भंडारा में लगभग 5000 लोगों को भोजन कराया गया. वहीं आसपास के लोगों के द्वारा काफी मुस्तैदी से सत्संगियों की सेवा में लगे हुए थे कि किसी को किसी तरह की परेशानी ना हो.

'ईश्वर एक है उसको पाने का मार्ग भी एक है, वह सब के अंदर हैं': स्वामी श्री निर्मलानंदन जी महाराज 'ईश्वर एक है उसको पाने का मार्ग भी एक है, वह सब के अंदर हैं':  स्वामी श्री निर्मलानंदन जी महाराज Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 22, 2023 Rating: 5

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