गौरतलब हो कि बच्चे की नानी मुन्नी देवी एवं मां सोनाली देवी ने बताया कि अनुप्रिया उम्र 3 माह बच्ची की तबीयत कुछ खराब थी तो हम अपने मिर्चाईबारी वाले संबंधी से पूछे कि कोई अच्छा डॉक्टर मुरलीगंज में है तो उन्होंने अपना हॉस्पिटल के विषय में बताया. जहां हम लोग बच्चे को लेकर 21 नवंबर को लेकर के आए. कल जब हम बच्चे के बारे में जानकारी लेने गए तो हमें कहा कि बच्चा ठीक है. बच्चे को अभी 75 घंटे और रखना है. जब हम बच्चे के पास देखने गए हैं तो बच्चा मरा हुआ था. तब हमने शोर मचाना शुरू किया कि आप लोग यह क्या कर रहे हैं बच्चा मर चुका है तो मौके से अस्पताल के सभी कर्मी फरार हो गए. तब पड़ोस के लोगों ने मीडियाकर्मी आदि को बुलाया.
देर रात अस्पताल में 3 मरीज मौजूद थे, एक नूतन कुमारी थी जो मुरलीगंज वार्ड नंबर 11 की निवासी थी. जिनका युटेरस निकाला गया था और दो पेशेंट एक के गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन किया गया था तो एक के बच्चे की मौत के बाद परिजन तो देर रात किसी तरह समझाने बुझाने के बाद चले गए. वहीं जब स्थानीय लोगों द्वारा मामले को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी स्वास्थ्य विभाग प्रिंस कुमार तक भेजा गया तब जिला स्वास्थ्य विभाग हरकत में आई और तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने दिन के 12:00 बजे अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच शुरू की. वहीं मौके पर मौजूद ना तो कोई डॉक्टर पाए गए और दो नर्स भी गायब पायी गयी. वहीं एक महिला पाई गई जिससे डॉक्टर संजीव कुमार द्वारा पूछे जाने पर उसने अपने आपको नर्स बताया.
वहीं जब डॉक्टर संजीव कुमार के द्वारा वहां मौजूद रोगी के प्रिसक्रिप्शन को देखा गया और मरीजों से बातचीत की गई तो बड़ा घालमेल नजर आया. मौके पर उन्होंने बताया कि जिस पेशेंट नूतन कुमारी का युटेरस निकाला गया है, यहां मौजूद अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के मुताबिक उसके युटेरस के सही होने की बात बताई जा रही है. इस तरह उनके नूतन देवी के पति उमेश पासवान ने बताया कि पिछले दिनों पत्नी के पेट में दर्द था तो यहां हमने दिखाया तो राजेश कुमार नाम के व्यक्ति ने अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा. अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद युटेरस निकालने की बात करने लगा और मुझे बार बार फोन करके परेशान करता था कि युटेरस निकलवा लो नहीं तो पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब हो जाएगी. तब हम कर्ज लेकर ₹21000 इस अस्पताल में जमा किए थे. हमें क्या पता था कि यहां फर्जीवाड़ा चलता है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार द्वारा "अपना हॉस्पिटल" में मौजूद तीन मरीजों को एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज शिफ्ट किया गया.
वहीं मौके पर मौजूद डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि यहां इस अस्पताल का डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर की डिग्री, कहीं एक पुर्जे पर एक डॉक्टर का नाम है तो कहीं एक पुर्जे पर दो डॉक्टरों के नाम हैं. डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन की मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और बिहार मेडिकल काउंसिल से जांच करवाई जाएगी. अभी तक बस अस्पताल को विधिवत सील करने की कार्रवाई की गई है. इनके खिलाफ अवैध तरीके से अस्पताल चलाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं उन्होंने बताया कि अस्पताल या नर्सिंग होम चलाने के लिए जिन मानकों की आवश्यकता होती है, डॉक्टरों की डिग्रियों की आवश्यकता होती है, वह सारी चीज यहां कुछ भी नहीं पाई गई, सभी लोग फरार पाए गए.
मुरलीगंज काशीपुर वार्ड नंबर 3 में फर्जी तरीके से चल रहे वैष्णवी हॉस्पिटल को सील करने की कार्रवाई की गई
वहीं दूसरी बड़ी कार्रवाई मुरलीगंज काशीपुर वार्ड नंबर 3 स्थित वैष्णवी हॉस्पिटल में की गई जहां मौके पर एक महिला का ऑपरेशन किया गया था, मधु देवी घर लक्ष्मीपुर कुमारखंड प्रखंड जिनका पिछले दिनों ऑपरेशन किया गया था. वहीं अस्पताल में आईसीयू एवं ऑपरेशन थिएटर में बड़ी ही विचित्रता पाई गई.
मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संजीव कुमार ने मौके पर मौजूद लड़के से पूछा तो उसने बताया कि यहां एक पेसेंट है जिसका डीएनसी किया गया है तो प्रतिउत्तर में डॉ संजीव कुमार ने लड़के से पूछा कि डीएनसी का मतलब समझते हो, गर्भपात होता है, क्या यहां गर्भपात कराया गया है तो लड़के ने जवाब दिया हां समझते हैं और यहां यह करवाया जाता है.
वहीं मधु कुमारी के दवाई की प्रिसक्रिप्शन पर डॉ बी के विमल, वहीं पुर्जे के दूसरे किनारे पर डॉ संदीप मित्तल रजिस्ट्रेशन नंबर एचएनसी 7636 एमबीबीएस एमएस लेप्रोस्कोपिक एंड जनरल सर्जन लिखा पाया गया.
अस्पताल को सील करने के उपरांत डॉ संजीव कुमार ने बताया कि फर्जी तरीके से क्लीनिक चलाया जा रहा था और मामले की पूरी गहराई से छानबीन की जा रही है. अस्पताल को सील कर दिया गया है और अस्पताल में मौजूद मरीज मधु कुमारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजते हुए स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है.
मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार, डॉक्टर लाल बहादुर एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक मो. शहाबुद्दीन मौजूद थे.
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