मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत चौसा प्रखंड मुख्यालय में प्रसिद्ध पांच दिवसीय दुर्गा मेला का आयोजन धूमधाम से किया गया लेकिन मेले के पहले दिन नवमी को ही सुबह दुर्गा मां के पट खुलते ही बारिश होनी शुरू हो गई. ऐसा लग रहा था जैसे इंद्र भगवान भक्तों का इम्तिहान ले रहे हों. लेकिन भक्त भी कहां मानने वाले थे. वह भी अपने इम्तिहान में पास हुए सभी दुर्गा मां की एक झलक के लिए व्याकुल थे जो भीगते हुए भी दुर्गा मंदिर परिसर में जाकर पूजा अर्चना की. वहीं मेले को लेकर जो दुकानदार थे उसमें काफी मायूसी देखी गई. मायूसी भी वाजिब थी. छोटे-मोटे दुकानदार कर्ज लेकर पांच दिवसीय मेले में अपना दुकानदारी कर अपने बाल बच्चों का गुजर-बसर करने के लिए आश्रित रहते हैं लेकिन बारिश होने से सभी काफी मायूसी थी लेकिन आज विजयदशमी के दिन कलश विसर्जन के बाद दुकानदारों में खुशी की लहर देखने को मिली क्योंकि सूर्य भगवान् ने अपनी आंखें खोली थी और इंद्र भगवान ने भी अपनी दया दुकानदारों पर दिखाई.
पांच दिवसीय मेले में मेले का मुख्य आकर्षण टावर झूला, ब्रेक डांस,नव झूला ,रेलगाड़ी, बच्चों के लिए जंपिंग, मिकी माउस का अद्भुत नजारा था जिसका मेला में घूमने वाले लोग लुत्फ उठा रहे थे लेकिन अभी भी मेले में कीचड़ की कमी नहीं हुई थी. मेले के लिए प्रशासनिक रूप पूरी तैयारियां की गई थी मजिस्ट्रेट के रूप में अंचलाधिकारी राकेश कुमार वहीं पुलिस प्रशासन थाना अध्यक्ष किशोर कुमार ने चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था कर रखी थी हर जगह पुलिस के जवान मौजूद थे. मेले से पहले फ्लैग मार्च निकाल कर मेले को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए कदम उठाए हुए थे। मेले में जगह जगह पुलिस बल तैनात थी। मेला कमिटी के भी सदस्य जगह-जगह मौजूद थे।

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