प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बुधवार को मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड क्षेत्र के 3 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया, इस दौरान जहां एक विद्यालय पूर्णतः बंद पाया गया वहीं अन्य विद्यालय में व्याप्त अनियमितता को देखते हुए सभी 3 विद्यालय के प्रधान शिक्षक सहित 21 शिक्षकों के वेतन के रोकने की बड़ी कार्रवाई की है. बीडीओ के इस कार्रवाई से प्रखंड क्षेत्र के ऐसे सभी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है जो विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों को छोड़कर नेतागिरी करने में मशगूल रहते हैं.
मिली जानकारी के अनुसार पुरैनी के बीडीओ अरुण कुमार सिंह ने सबसे पहले उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुमरैल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान विद्यालय में पठन पाठन की स्थिती दयनीय पाई गई साथ ही उपस्थिति पंजी मे बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं की गयी थी. वहीं विद्यालय में व्याप्त अन्य अनियमितताओं की वजह से विद्यालय के प्रधान शिक्षक सहित कुल 9 शिक्षकों के वेतन को अगले आदेश तक रोक दिया गया.
इसके बाद बीडीओ अरुण कुमार सिंह उत्क्रमित मध्य विद्यालय गणेशपुर द्वारा पहुंचे जहां विद्यालय के प्रधान शिक्षक हाजिरी बनाकर विद्यालय से लापता थे. वही 542 नामांकन में से कुल 223 बच्चों की हाजिरी बनी थी जिसमें सिर्फ 6 बच्चे ही जांच के दौरान उपस्थित मिले. विद्यालय के सभी शिक्षकों को विद्यालय में सभी नामांकित बच्चों के शत-प्रतिशत उपस्थिति करवाने को लेकर सख्त हिदायत देते हुए प्रधान शिक्षक मुन्ना पासवान सहित सभी सातों शिक्षकों के वेतन को रोक दिया गया.
अगली कड़ी में बीडीओ ने मध्य विद्यालय वासुदेवपुर का निरीक्षण किया जहां विद्यालय बंद होने के समय से 1 घंटा पूर्व ही पूर्णत: बंद पाया गया. बीडीओ ने विद्यालय के 5 शिक्षकों के वेतन पर अविलंब रोक लगा दी है.
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